सीजी भास्कर, 22 जून |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने इस बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आपातकाल में पीड़ित प्रदेश के ऐसे समस्त लोकतंत्र सेनानी सत्याग्रहियों (मीसाबंदियों) को 26 जून को अपने आवास पर आमंत्रित कर सम्मानित करने की घोषणा की है।
इस अवसर पर ‘आपात्काल का काला इतिहास’ और ‘संविधान हत्या दिवस’ पर प्रबुद्ध वक्त्ताओं के भाषण होंगे व काले अध्याय पर पुस्तिका का विमोचन भी होगा।
उपासने ने बताया कि आपातकाल के दौरान संविधान की अवहेलना की गई। केवल भारत माता की जय के नारे लगाने पर लोगों को 21 महीने तक जेल में रखा गया। उपासने ने कहा कि वह खुद 19 साल की उम्र में इसके शिकार हुए थे।
आपातकाल की पृष्ठभूमि बताते हुए उपासने ने कहा कि न्यायालय के आदेश से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पद से हटा दिया गया था। उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। इसके बाद विपक्ष के दबाव को नजरअंदाज करते हुए रातोंरात आपातकाल लगा दिया गया।
आपातकाल में लाखों विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मीसा और डीआईआर कानून के तहत जेल में डाला गया। उन्हें न तो न्यायालय जाने का अधिकार था और न ही जमानत का। समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लगा दी गई। सरकार विरोधी खबरें छापने वाले अखबारों की मशीनें सील कर दी गईं और पत्रकारों व संपादकों को गिरफ्तार कर लिया गया।
स्कूल-कॉलेजों में होगी निबंध प्रतियोगिता
आपातकाल को लेकर स्कूल व कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता में स्कूली के छात्र–छात्राओं का विषय होगा “संविधान हत्या दिवस कितना प्रासंगिक?”
विद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए “आपात्काल कभी विस्मृत न हो?” निबंध प्रतियोगिता आयोजित कर विजेताओं को दोनों स्तरों पर 31 21 व 11 हजार रुपए के नगद पुरस्कार एवं सारगर्भित निबंधों को प्रोत्साहन पुरस्कार तथा महाविद्यालय व विद्यालयों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।