सीजी भास्कर 23 जून साल 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट का दोषी आतंकी मोहम्मद शफीक अंसारी इन दिनो पैरोल पर है और अपने घर उज्जैन आया हुआ है. यहां उसके आने का कारण उसकी भतीजी की शादी है, जिसमें आतंकी मोहम्मद शफीक अंसारी शामिल तो हो रहा है, लेकिन यह शादी इसलिए महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि इस शादी में हर आने जाने वाले व्यक्ति पर पुलिस निगरानी रखी रही है.
गुजरात से आए 25 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के साथ ही थाना चिमनगंज और थाना जीवाजीगंज के पुलिसकर्मी भी शादी समारोह में मुस्तैदी से तैनात है. पुलिस के जवानों की कुल संख्या 33 है.चिमनगंज थाना क्षेत्र के मित्र नगर और विराट नगर में इन दिनों गुजरात पुलिस ने डेरा डाल रखा है. गुजरात की पुलिस अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के दोषी आतंकवादी मोहम्मद शफीक अंसारी को लेकर उसके घर पहुंची है, जहां पर वह अपनी भतीजी के शादी समारोह में शामिल हो रहा है. मोहम्मद शफीक अंसारी के भाई ने शादी समारोह के लिए पैरोल की अर्जी लगाई थी जिसके बाद उसे उज्जैन लाया गया है.शादी में की गई तगड़ी सुरक्षा व्यवस्थाशादी के इस घर में वैसे तो सभी रस्में निभाई जा रही है, लेकिन यहां पुलिसकर्मियों की इतनी अधिक मौजूदगी को देखकर यह शादी शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है.
गुजरात पुलिस आतंकी मोहम्मद शफीक अंसारी को लेकर उज्जैन तो आ चुकी है, लेकिन शफीक अंसारी के घर के बाहर ऐसी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है कि कोई परिंदा भी यहां पर ना मार सके. बताया जाता है कि गुजरात से दो एसीपी, दो टीआई और 25 पुलिसकर्मी यहां की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं.उज्जैन के दो थानों के पुलिसकर्मी भी तैनातइसके साथ ही उज्जैन के चिमनगंज थाना और जीवाजीगंज थाने की पुलिस भी शादी में आने वाले हर व्यक्ति पर अपनी निगाह जमाए हुए हैं.
बताया जाता है कि 10 महीने पहले भी शफीक पैरोल पर उज्जैन आया था. उस समय भी उसके विराटनगर स्थित मकान पर एक शादी समारोह था, जिसमें शफीक 5 दिनों के लिए शामिल हुआ था. जिसके बाद वह इस बार फिर उज्जैन आया है.सीरियल ब्लास्ट में 56 लोगों की हुई थी मौतआपको बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में कुल 56 लोगों की मौत हुई थी और इस घातक हमले में लगभग 200 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे. इस हमले में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उज्जैन के रहने वाले मोहम्मद शफीक अंसारी, कमरुद्दीन नागौरी, मोहम्मद अबरार और महिदपुर के सफदर नागौरी सहित 49 लोगों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.