सीजी भास्कर, 25 जून |
छत्तीसगढ़ के भिलाई में आदतन अपराधी और जानलेवा हमले के बाद फरार आरोपी दीपक नेपाली की चल-अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी। एक महीने पहले हुए हमले के 3 आरोपियों में से एक आरोपी शुभम यादव (30 वर्ष) को तत्काल घेराबंदी कर पकड़ लिया गया था, 2 अन्य आरोपी रामप्यारे यादव (39) और रोशन सिंह उर्फ राजा (29) ने सरेंडर कर दिया है। जिसके बाद इनको भी जुडीशियल डिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि वैशाली नगर पांडे मुहल्ला के 18 नंबर रोड कैंप निवासी प्रदीप चौबे की पत्नी स्नेहा चौबे (35) ने 21 मई की रात्रि को वैशाली नगर थाने में दीपक नेपाली, शुभम यादव उसके चाचा राम प्यारे यादव और राजा के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था।
शुभम यादव को घेराबंदी कर पकड़ा
मामले में पुलिस ने जांच शुरू करते हुए शुभम यादव को घेराबंदी कर तत्काल गिरफ्तार कर लिया था, जबकि तीन अन्य आरोपी फरार चल रहे थे। वैशाली नगर पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारियां के लिए लगातार जुटी हुई थी ।
पीड़िता से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने बताया कि प्रदीप चौबे 21 मई की रात 10 बजे अपने घर गया और खाना खाकर सोने चला गया। रात 10:30 बजे प्रदीप के मोबाइल पर शुभम यादव का फोन आया।
शुभम ने उसे बाहर आने के लिए बोला तो प्रदीप को यह नहीं पता था कि उसके साथ गुंडे लोग भी आए हैं। प्रदीप जैसे ही बाहर निकाल शुभम के साथ आए गुंडो ने गाली-गलौज शुरू कर दी । प्रदीप ने मना किया तो आरोपियों ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी ।
गला दबाया और सिर को पकड़कर दीवार पर पटका
विवाद के दौरान शुभम के साथ कैंप वन भिलाई का गुंडा दीपक नेपाली भी मौजूद था। शुभम उसके चाचा राम प्यारे यादव, राजा और दीपक नेपाली ने मिलकर प्रदीप को बुरी तरह मारा। प्रदीप को मारते-मारते उसका गला दबाया और सिर को पकड़ लगातार दीवार पर पटकते रहे ।
पति के ऊपर जानलेवा हमले के दौरान चीख पुकार सुनकर पत्नी स्नेहा चौबे घर से बाहर आई तो आरोपियों ने उसे भी धक्का दिया और जान से मारने की धमकी दी। तत्काल स्नेहा ने डायल 112 में फोन कर पुलिस को बुलाया। डायल 112 की गाड़ी के आने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे।
प्रॉपर्टी का काम करता था पीड़ित
एएसपी के अनुसार प्रदीप चौबे प्रॉपर्टी का काम करता था। शुभम के चाचा राम प्यारे यादव के माध्यम से एक मकान का सौदा कराया था। इस सौदे में राम प्यारे यादव को 50 हजार रुपए कमिशन देने की बात तय हुई थी।
प्रदीप ने पार्टी से सौदे का 12 लाख रुपए लिए थे और ढाई लाख रुपए लेना बाकी था। लेकिन राम प्यारे यादव अपना तय कमिशन 50 हजार रुपए तत्काल मांग रहा था। प्रदीप यादव का कहना था कि जो ढाई लाख रुपए बचा है वह रकम उसे मिल जाए तो वह उसका पैसा दे देगा। पैसे देने में हो रही देरी से नाराज रामप्यारे यादव , दीपक नेपाली और अन्य आरोपियों को लेकर वसूली करने उसके घर पहुंच गया था ।
शिकायत पंजीबद्ध करने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए वैशाली नगर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दूसरे दिन 22 मई को ही आरोपी शुभम यादव को घेराबंदी कर पकड़ लिया गया था। बाकी तीन आरोपी फरार चल रहे थे।
घटना को अंजाम देकर घटना के दिन से फरार दो आरोपी रोशन सिंह उर्फ राजा और रामप्यारे यादव ने कल दुर्ग न्यायालय में सरेंडर कर दिया। सरेंडर के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक दीपक नेपाली और उसके 2 भाई लोकेश और नीरज के खिलाफ कई थानों में मामला दर्ज है। इसके अलावा इन पर महादेव सट्टा एप का पैनल चलाने का भी आरोप है।