सीजी भास्कर, 01 जुलाई |
दुर्ग जिले में किसानों को अलग-अलग तरह की परेशानी हो रही है। मानसून में पर्याप्त बारिश नहीं होने से बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है। जिले में डीएपी खाद का अभाव है। वैकल्पिक उर्वरक का पर्याप्त भंडारण है तो वे बिजली कटौती से परेशान है।
खरीफ फसल की बुवाई कर बैठे किसानों को अब सिर्फ मानसून की बारिश का इंतजार है। मानसून की बेरुखी से खेती के कार्य बंद हैं। जहां सिंचाई के साधन उपलब्ध है तो लाइट नहीं होने से उसमें भी परेशानी आ रही है।
अगले फसल की तैयारी शुरू
16 जून से मानसून सक्रिय होने के बाद खरीफ फसल की तैयारी शुरू हो थी। नौतपा में हुई बारिश के बाद किसानों ने खेतों की जुताई कर अगले फसल की तैयारी शुरू कर दी थी । जिले के कृषक रोपाई और बुआई दोनों पद्धति से कृषि कार्य करते हैं।
खेती के लिए अनुकूल मौसम और खेत की तैयारी होने के बाद जिले के अधिकतर किसानों ने पारंपरिक धान की बुवाई कर दी थी। जिन किसानों के खेतों में सिंचाई की व्यवस्था है वह खेत में धान डालकर रखे हुए हैं। कृषि विभाग ने मांग के अनुरूप खाद का भंडारण भी कर लिया गया है।
धान की रोपणी तैयार
मानसून आने के 15 दिन बाद बारिश नहीं होने से किसानों को चिंता है। नौतपा में हुई बारिश के बाद किसान अकरस जुताई कर चुके थे। जिन किसानों के खेत में सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं थे उन्होंने मानसून आने के बाद उन्होंने धान की बुवाई भी कर दी है। जहां सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं ऐसे कृषकों ने धान की रोपाई पद्धति से खेती करने के लिए धान की रोपणी तैयार की है।
ट्रांसफर की क्षमता बढ़ाने की मांग
जिले के धमधा ब्लॉक के ननकट्ठी और बोडेगांव के किसानों ने सोमवार को आयोजित जन दर्शन में कलेक्टर को आवेदन सौंपते हुए बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से अवगत कराया।
किसानों की मांग हैं कि ट्रांसफर की क्षमता 25 एचपी से बढ़कर 63 एचपी की जाए । बिजली की समस्या से सिंचाई कार्य बाधित हो रहा है जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अब तक हुई बारिश का आंकड़ा
कलेक्टर भू अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 1 जून से 30 जून तक 103.7 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है । आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक बारिश पाटन तहसील में 207.0 मिलीमीटर वर्षा और न्यूनतम 65.9 मिलीमीटर धमना तहसील में दर्ज की गई है।
इसके अलावा दुर्ग तहसील में 89.7 मिली मीटर , अहिवारा तहसील में 92.4 मिली मीटर , भिलाई 3 तहसील में 92.6 मिलीमीटर और बोरी तहसील में 78.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है ।
कृषि विभाग ने मांग के अनुरूप पर्याप्त उर्वरक का भंडारण कर लिया है । चूंकि वैश्विक समस्या के कारण गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष डी.ए.पी. उर्वरक वितरण लक्ष्य के खिलाफ आबंटन कम होने से कृषकों को डी.ए.पी. की जगह अन्य वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
कृषि उप संचालक कृषि मिली जानकारी अनुसार जिले में उर्वरक की स्थिति इस प्रकार से है –
यूरिया – 27600 मि.टन, सिंगल सुपर फास्फेट-18310 मि.टन पोटाश-5700 मि.टन डी.ए.पी.-5267 मि.टन, 12ः32ः16-3666 मि.टन व अन्य 17484 मि.टन कुल 78027 मि.टन के लक्ष्य के खिलाफ
जिले में यूरिया- 20642 मि.टन, सिंगल सुपर फास्फेट-14223 मि.टन, पोटाश-5283 मि.टन, डी.ए.पी.-6744 मि.टन, 12ः32ः16-978 मि.टन व अन्य 4773 मि.टन कुल 52643 मि.टन का भण्डारण आज तक कर लिया गया है।
भंडारित उर्वरक का सहकारी समितियों एवं निजी प्रतिष्ठानों के माध्यम से यूरिया- 16862 मि.टन, सिंगल सुपर फास्फेट-8193 मि.टन, पोटाश-3815 मि.टन, डी.ए.पी.- 6293 मि.टन, 12ः32ः16-371 मि.टन व अन्य 4445 मि.टन कुल 39979 मि.टन का वितरण कृषकों को किया गया है।
वर्तमान स्थिति में प्राथमिक सहकारी समितियों एवं निजी प्रतिष्ठानों में
यूरिया-3194 मि.टन, सिंगल सुपर फास्फेट-2296 मि.टन, पोटाश-1131 मि.टन, डी.ए.पी.-444 मि.टन, 12ः32ः16-607 मि.टन व अन्य 233 मि.टन कुल 7905 मि.टन उर्वरक जिले में शेष है।