सीजी भास्कर 4 जुलाई राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में फर्जी सब-इंस्पेक्टर बनकर ट्रेनिंग लेने, आईपीएस अफसरों के साथ सोशल मीडिया पर रील बनाने और दो साल तक फरारी काटने वाली मोना बुगालिया उर्फ मूली देवी को जयपुर पुलिस ने आखिरकार दबोच लिया है. खुद को ‘लेडी सिंघम’ बताकर सोशल मीडिया पर धमकियां देने वाली ये युवती सीकर में छात्रा बनकर रह रही थी, लेकिन शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने उसे दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया.
अधिकारियों के साथ रील बनाकर ‘लेडी सिंघम’ बनीमोना बुगालिया न सिर्फ वर्दी पहनकर घूमती रही, बल्कि खुद को SI बताकर पुलिस अकादमी में बाकायदा ट्रेनिंग भी करती रही. वो राजस्थान पुलिस के IPS और आरपीएस अधिकारियों के साथ रील बनाकर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. RPA जैसे संस्थान में बिना चयन के पहुंचकर ट्रेनिंग लेने वाली इस युवती ने सिस्टम की कई परतें छलनी कर दीं.हमेशा छुपाया असली नाम ,हर जगह बदली पहचानजयपुर पुलिस के मुताबिक मोना मूल रूप से नागौर के डीडवाना की रहने वाली है.
वर्ष 2021 में उसने एसआई भर्ती परीक्षा दी थी लेकिन चयन नहीं हुआ. इसके बावजूद फर्जी पहचान ‘मूली देवी’ के नाम से खुद को सब-इंस्पेक्टर बताकर RPA में दाखिल हो गई. वहां उसने अधिकारियों से जान-पहचान का लाभ उठाकर बिना आईडी के विशेष गेट से एंट्री लेनी शुरू कर दी. मोना के इस नाटक का पर्दाफाश तब हुआ जब उसने एक महिला कांस्टेबल को व्हाट्सएप कॉल पर धमकी दी. इसकी शिकायत जब पुलिस तक पहुंची और रिकॉर्ड खंगाले गए तो पता चला कि ‘मूली देवी’ नाम की कोई भी एसआई RPA में चयनित ही नहीं थी.सीकर में छात्रा बनकर छिपी थीजांच गहराई तो राज खुला कि असली नाम मोना बुगालिया है और वह ही ‘मूली देवी’ बनकर अकादमी में दाखिल हुई थी.
मामले का खुलासा होते ही वह फरार हो गई और पिछले दो साल से सीकर में स्टूडेंट बनकर फरारी काट रही थी. गुरुवार को पुलिस ने सीकर के एक मकान में दबिश देकर उसे पकड़ा और जयपुर लाया गया.अब पुलिस की रिमांड में ‘फर्जी अफसर’शास्त्रीनगर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि मोना को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस फर्जीवाड़े में कोई और भी शामिल था? और क्या उसने इस पहचान का गलत फायदा उठाकर किसी से धोखाधड़ी या वसूली भी की.