मोहर्रम के जुलूस के दौरान उज्जैन मे ऐसा बवाल मचा की पुलिस को घोड़ा लेकर निकल रहे लोगों को रोकने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. यह लोग प्रतिबंधित मार्ग पर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस सिर्फ उसी मार्ग से जुलूस निकलवाना चाहती थी, जहां पहले से इसका रूट तय किया गया था. पुलिस ने जुलूस के दौरान शामिल लोगों को जब रोकने का प्रयास किया तो वह नहीं माने जिसके बाद लाठीचार्ज कर उन्हें रोका गया. इस दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि कुल 16 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है.
मुहर्रम के दौरान बेगमबाग इलाके के रहने वाले इरफान खान उर्फ लल्ला का भी घोड़ा निकल रहा था. लेकिन, लल्ला और उसके साथी जुलूस लेकर तय मार्ग खजूर वाली मस्जिद से निकास चौराहा की ओर जाने के बजाए अब्दालपूरा क्षेत्र की ओर जाने लगे. पुलिस ने जब लोगों को ऐसे करते देखा तो उन्हें तत्काल रोकने का प्रयास किया. हालांकि, यह लोग नहीं माने. उन्होंने धक्का देकर बैरिकेड्स तक गिर दिए. जिस पर पुलिस को सख्ती दिखाते हुए लाठीचार्ज किया, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए.
16 लोगों पर दर्ज हुई FIR
इस मामले में एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मुहर्रम पर्व को देखते हुए जुलूस के लिए रूट तय किया गया था. जिस पर समाज के लोगों ने भी सहमति दी थी. बावजूद इसके, लल्ला और उसके साथियों ने जानबूझकर दूसरे रूट पर बैरीकेड तोड़ जुलूस ले जाने का प्रयास किया. मामले में लल्ला सहित 16 लोगों के खिलाफ गलत दिशा में जाना, लोक सेवक के आदेश का पालन नहीं करने, लोक सेवक का काम रोकना सहित चार धाराएं 191,192, 132 और 128 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है.
सुरक्षा व्यस्था में 650 पुलिसकर्मी थे तैनात
जुलूस के लिए तैनात 650 पुलिसकर्मी इमामबाड़े से तैनात किए गए थे, जो पूरे जुलूस की व्यवस्था संभाल रहे थे. जुलूस में या हुसैन की गूंज सुनाई दे रही थी. जुलूस की सुरक्षा के लिए 650 पुलिसकर्मी ड्रोन कैमरों के साथ तैनात थे. बताया जाता है कि यह जुलूस गीता कॉलोनी स्थित बड़े साहब के इमामबाड़े से शुरू हुआ था, जो कि निकास चौराहा, नई सड़क, एटलस चौराहा, फव्वारा चौक, दौलतगंज, तोपखाना होते हुए आगे बढ़ रहा था. इसके बाद लोहे का पुल, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, होते हुए कमरी मार्ग से होकर इमामबाड़े पर पहुंचा.