सीजी भास्कर, 2 अगस्त 2025 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संपूर्णता अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को पुरस्कृत किया। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यक्रम में जुलाई-2024 से सितम्बर-2024 तक राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इन जिलों और विकासखंडों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। संपूर्णता अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में सभी वर्गों का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत सरकार ने इसे गहराई से समझकर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से सुदूर वनांचलों में आवास, पेयजल, बिजली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसे कार्यक्रमों से जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 6661 गांव शामिल हैं, उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शामिल गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
इन जिलों और विकासखंडों को किया गया पुरस्कृत
आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 49 संकेतकों में से छह और आकांक्षी विकासखंडों के 40 संकेतकों में से छह संकेतकों को चिन्हित कर इन्हें संतृप्त करने संपूर्णता अभियान संचालित किया गया था। इनमें एएनसी पंजीकरण, पूरक पोषण ले रही गर्भवती महिलाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चे, बिजली वाले स्कूल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूल, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच, परिक्रामी निधि प्राप्त करने वाले स्वसहायता समूहों की संख्या जैसे संकेतक शामिल थे।
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों व विकासखंडों को आज स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पांच संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों व विकासखंडों को रजत पदक, चार संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वालों को कांस्य पदक तथा तीन संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।
बस्तर और कोंडागांव जिले को स्वर्ण पदक
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिलों दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर तथा आकांक्षी विकासखंडों लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा और पिथौरा को रजत पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिला बीजापुर और आकांक्षी विकासखंडों गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल एवं कुआंकोंडा को कांस्य पदक तथा आकांक्षी जिलों मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा एवं आंकांक्षी विकासखंड अंबागढ़ चौकी को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया। संबंधित जिलों के वर्तमान और तत्कालीन कलेक्टरों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।