सीजी भास्कर, 3 सितंबर। स्कूल समय में अध्यापन कार्य के बजाए (Herbal Networking Scandal) से जुड़े तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। एक के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखा गया है। सभी शिक्षक दुर्ग जिले के धमधा ब्लाक में पदस्थ हैं। दरअसल इस मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव से की गई थी। मंत्री से शिकायत के बाद जिला शिक्षा विभाग हरकत में आया और डीईओ ने धमधा बीईओ को जांच के निर्देश दिए। बीईओ से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त कार्रवाई की गई।
डीईओ अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि धमधा ब्लाक के कई शिक्षक (Herbal Networking Scandal ) कारोबार से जुड़े हुए हैं। शिकायत में शिक्षकों द्वारा हर्बल लाइफ के जरिए वजन घटाने और सेहत बनाने की सलाह देने, हर्बल लाइफ की सदस्यता दिलाने, स्कूल समय में ऑफिस में मीटिंग करने, स्कूल में बैठकर ही ऑनलाइन हर्बल सेशन लेने जैसी बात सामने आ रही थी। इससे संबंधित कुछ फोटोग्राफ्स भी इंटरनेट मीडिया पर चल रहा था। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीईओ ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी धमधा से मामले की जांच कराई।
जांच में विकासखण्ड धमधा में संचालित विद्यालयों में कार्यरत लोमन वर्मा व्याख्याता शास.उ.मा.वि. घोटवानी, बलदाउ पटेल सीएसी संकुल केन्द्र बोरी (मूल पद-शिक्षक एलबी), मुकेश चतुर्वेदी शिक्षक (एलबी), शास. पूर्व माध्य. शाला दनिया एवं खिलेश्वरी चतुर्वेदी सहायक शिक्षक शास.प्राथ. शाला फुण्डा द्वारा उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया जाना पाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने संबंधित शिक्षकों / व्याख्याता के द्वारा उक्त कार्य सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत पाए जाने के कारण खिलेश्वरी चतुर्वेदी, सहायक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही लोमन वर्मा व्याख्याता के विरुद्ध अनुशंसा सहित अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर की ओर प्रेषित किया गया। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग द्वारा बलदाउ पटेल सीएसी संकुल केन्द्र बोरी तथा मुकेश चतुर्वेदी शिक्षक (एलबी) के विरुद्ध निलंबन कार्रवाई की गई।
(Herbal Networking Scandal) पहले भी होती रही है शिकायत
जिले के धमधा ही नहीं पाटन और दुर्ग ब्लाक में भी कई शिक्षक (Herbal Networking) कारोबार से जुड़े हुए हैं। इस आशय की शिकायत समय-समय पर की जाती रही है। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी संस्था प्रमुखों को पत्र जारी कर ऐसे कारोबार से जुड़े शिक्षकों व अन्य स्टाफ के संबंध में जानकारी देने कहा जाता रहा है। लेकिन इस मामले में पहली बार जांच कराई गई और दोषी शिक्षकों के खिलाफ निलंबन कार्रवाई की गई।