सीजी भास्कर, 6 सितंबर। शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel Case) की रिमांड 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। 15 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) चैतन्य के खिलाफ चालान पेश कर सकती है। शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई। बता दें कि चैतन्य बघेल को ED ने 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था, और उसके बाद से वह लगातार जेल में हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं, जो आगे की जांच में सहायक साबित होंगे।
शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोप है कि चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel Case) को शराब बिक्री से मिली रकम में से 16.70 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। ED के मुताबिक यह रकम ब्लैक मनी के रूप में थी, जिसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाए गए और सिंडिकेट के साथ मिलकर लगभग 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग की गई। जांच में यह भी सामने आया कि कई निवेश और भुगतान रिकॉर्ड में छुपाए गए थे। इस पूरे मामले में चैतन्य बघेल पर वित्तीय अनियमितताओं का गंभीर आरोप है।
ED की जांच में यह पाया गया कि चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel Case) के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में घोटाले के पैसे को इन्वेस्ट किया गया। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट्स और ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जब्त किए गए। प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन के अनुसार प्रोजेक्ट का वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ रुपए था, जबकि रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ दिखाया गया। जब्त डिजिटल डिवाइसेस से यह भी स्पष्ट हुआ कि कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश भुगतान किया, जो रिकॉर्ड में नहीं दर्ज किया गया।
चैतन्य बघेल की रिमांड बढ़ने के बाद ED अगले चरण में चालान पेश करने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान प्राप्त डिजिटल और वित्तीय सबूत मामले की गंभीरता को दर्शाते हैं। इस पूरे मामले की कानूनी प्रक्रिया अभी जारी है और रिमांड अवधि के दौरान आगे की सुनवाई और गिरफ्तारी के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।