सीजी भास्कर, 14 सितंबर। पिछले कुछ दिनों से एक योजना को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। लोग आपस में पूछ रहे हैं—क्या सचमुच अब बेसहारा बच्चों का जीवन बदलने वाला है? गांव से लेकर कस्बों (Child Sponsorship Scheme 2025) तक यही चर्चा है कि कोई ऐसी योजना शुरू होने वाली है, जिससे हजारों मासूमों को सीधा सहारा मिलेगा। लेकिन यह कौन सी योजना है और इसके तहत क्या मिलेगा, इसे लेकर लोग अभी तक सस्पेंस में थे।
सामाजिक संस्थाओं और बाल कल्याण समितियों में बैठकों का दौर चलने लगा। अधिकारियों की गहमागहमी, फाइलों की आवाजाही और अचानक सक्रिय हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस रहस्य को और गहरा कर दिया। आखिरकार खुलासा हुआ कि यह योजना उन बच्चों के लिए है, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है, या जो तलाकशुदा, एकल माता-पिता या कारागार में बंद अभिभावकों के सहारे किसी तरह जीवन गुजार रहे हैं।
योजना का नाम है प्रवर्तकता कार्यक्रम (Child Sponsorship Scheme 2025)। यह 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बालक-बालिकाओं के लिए संचालित है जिन्हें समाज अक्सर दया दृष्टि से देखता है। इस योजना के तहत अधिकतम दो बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जब तक कि वे 18 वर्ष के न हो जाएं। इसका उद्देश्य है—बच्चों को बेघर होने से बचाना, उन्हें शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सुविधाएं और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाना ताकि उनका जीवन स्तर सुधर सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
प्रवर्तकता कार्यक्रम (Child Sponsorship Scheme 2025) का सबसे अहम पहलू यह है कि इससे बच्चों को संस्थागत देखरेख से बाहर लाकर परिवार आधारित देखरेख में शामिल किया जाएगा। यह योजना उन बच्चों को भी लाभान्वित करेगी जो अनाथ हैं, HIV/AIDS प्रभावित हैं, या फिर दिव्यांग हैं और जिन्हें परिवार की असमर्थता के कारण उचित देखभाल नहीं मिल पाती।
योजना में चयन के लिए मापदंड स्पष्ट किए गए हैं। 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं, तलाकशुदा या परित्यक्त बच्चों, अशक्त या गंभीर बीमारी से ग्रस्त माता-पिता के बच्चों, कारागृह में बंद अभिभावकों के बच्चों, बाल विवाह, बाल तस्करी या अन्य शोषण से प्रभावित बच्चों और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परिवार की वार्षिक आय 72,000 रुपए और शहरी क्षेत्रों के लिए 96,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यह योजना मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत लागू है और इसका संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। प्रवर्तकता कार्यक्रम (Child Sponsorship Scheme 2025) का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में 10 मार्च 2022 से किशोर न्याय अधिनियम 2015 और किशोर न्याय नियम 2016 के तहत किया जा रहा है।
इस योजना से उम्मीद है कि हजारों बच्चे जो अब तक समाज के हाशिये पर जीवन जी रहे थे, उन्हें न सिर्फ आर्थिक सहारा मिलेगा बल्कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य की दिशा भी तय होगी। प्रवर्तकता कार्यक्रम (Child Sponsorship Scheme 2025) उन बच्चों के लिए एक नई सुबह लेकर आएगा जिनके पास अब तक कोई उम्मीद नहीं थी।