सीजी भास्कर, 23 सितंबर। 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले (Liquor Scam Chhattisgarh) की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू के निशाने पर कई और शराब कारोबारी हैं।
जांच में सामने आया है कि राजधानी में रायपुरा स्थित शिव विहार कालोनी निवासी अवधेश यादव पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का बेहद करीबी रहा है।
उसने शराब के अवैध कारोबार से 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई की। इस रकम को उसने रायपुर के साथ ही झारखंड और बिहार (Liquor Scam Chhattisgarh) में निवेश किया।
ईओडब्ल्यू के मुताबिक अवधेश यादव ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी होने का लाभ उठाया। सरकार ने शराब दुकानों में मैनपावर और प्लेसमेंट के लिए निजी कंपनी को ठेका दिया था, लेकिन संचालन अवधेश खुद करता था। वह बस्तर क्षेत्र में सरकारी शराब दुकानों में ओवररेट पर शराब बिकवाता था।
पड़ोसी राज्यों से सस्ती शराब मंगवाकर उसने हर जिले में खपाने का काम किया। यहां तक कि शराब में मिलावट कर सप्लाई करने का भी आरोप है।
बस्तर के जिलों में फैला नेटवर्क (Liquor Scam Chhattisgarh)
जांच में सामने आया है कि अवधेश यादव बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों की शराब दुकानों का संचालन करता था। दुकानों में उसके कर्मचारी और सुपरविजन का काम उसके रिश्तेदार करते थे। झारखंड और बिहार से लाए गए रिश्तेदार भी दुकानों में काम करते थे।
आबकारी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी उसकी भूमिका चलती थी। वह पैसा वसूलकर अधिकारियों की नियुक्ति तय करता था।
पहले से गिरफ्त में हैं कई बड़े चेहरे
शराब घोटाले में पूर्व आइएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, नितेश पुरोहित, यश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, पूर्व आबकारी अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक कवासी लखमा समेत अन्य गिरफ्तार हैं। सभी रायपुर जेल में हैं। फिलहाल जांच जारी है।