सीजी भास्कर, 10 अगस्त। स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को अब पहले जैसी निश्चित संख्या में आरक्षण नहीं मिलेगा। अब ओबीसी कल्याण आयोग तय करेगा कि किस निकाय में ओबीसी के लिए कितनी सीटें आरक्षित की जाएं। दरअसल, यह सिर्फ छत्तीसगढ़ में नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे देश में हो रहा है, छत्तीसगढ़ में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में अब पिछड़े वर्ग के लिए पहले जैसी संख्या में सीटें आरक्षित नहीं हांगी। अब ओबीसी कल्याण आयोग की सिफारिश पर पिछड़े वर्ग के लिए सीटों का निर्धारण किया जाएगा। आपको बता दें कि बिना आयोग की सिफारिश पर अमल किए नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे। इसके लिए भले ही चुनाव आगे बढाना क्यों न पड़ जाए।छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने ओबीसी कल्याण आयोग का गठन कर दिया है। उसे तीन महीने में रिपोर्ट देने कहा गया है, ये समय कम है मगर मध्यप्रदेश में भी तीन महीने में ही आयोग ने रिपोर्ट दिया था और उसके बाद वहां स्थानीय निकायों के चुनाव हुए थे
क्या कहा है सुप्रीम कोर्ट ने
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि नौकरी की तरह अब स्थानीय निकाय चुनावों में 50 परसेंट से अधिक सीटों का आरक्षण नहीं होगा। आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों में ओबीसी कल्याण आयोग का गठन कर आरक्षण के संबंध में सिफारिश देने का आदेश दिया था। आयोग की सिफारिश के आधार पर ही सरकार ओबीसी की सीटों का आरक्षण करेंगी।