सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से (Special Educator Vacancy) की भर्ती को मंजूरी मिल गई है। राज्य सरकार 100 स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करेगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियम-2019 में एक बार की छूट दी गई है। वित्त विभाग ने भी इस भर्ती पर सहमति दे दी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दिव्यांग छात्रों के हित में बड़ा निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने तय किया कि इस बार चयन परीक्षा के बजाय मेरिट लिस्ट के आधार पर सीधी भर्ती (Special Educator Vacancy) की जाएगी। इसका सीधा फायदा उन अभ्यर्थियों को मिलेगा, जिन्होंने लंबे समय से इस अवसर का इंतजार किया है।
बैठक में सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, वेतन के विरुद्ध अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे। यह निर्णय लगभग 2.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के लिए राहतकारी साबित होगा।
इसी कैबिनेट बैठक में दिव्यांगजनों के लिए एक और अहम निर्णय लिया गया। राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम की बकाया राशि 24.50 करोड़ रुपये को एकमुश्त लौटाने की मंजूरी दी गई। निगम द्वारा राज्य के दिव्यांगजनों को शिक्षा और स्वरोजगार के लिए न्यूनतम तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इससे हजारों दिव्यांगजनों को (Special Educator) की नियुक्ति के साथ-साथ शिक्षा एवं रोजगार दोनों क्षेत्रों में नई संभावनाएं मिलेंगी।
राज्य सरकार का मानना है कि (Special Educator) की तैनाती से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सहयोग मिलेगा और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी। यह कदम न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि (Special Educator) अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर भी प्रदान करेगा।
पदों की संख्या व वेतनमान
कुल 100 पद — (Special Educator) भर्ती की जाएगी। वहीं राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि स्पेशल एजुकेटर का वेतनमान शिक्षकों के समान होगा, जो लगभग ₹35,000 से ₹50,000 प्रति माह तक रह सकता है।