सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामले (NIA Action) में कार्रवाई तेज कर दी है। एजेंसी ने चार और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इन आरोपियों पर नक्सलियों के लिए अवैध फंड कलेक्शन और वितरण का आरोप है।
चार्जशीट में सुनीता पोटाम, शंकर मुचक्की और दशरथ उर्फ दसरू मोडियम के नाम शामिल हैं। ये सभी मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) के पदाधिकारी थे। एनआईए (NIA Action) के अनुसार चौथा आरोपी मल्लेश कुंजाम सीपीआई (माओवादी) का सशस्त्र कैडर है, जो अब भी फरार है।
एमबीएम, माओवादी संगठन (NIA Action) का फ्रंटल ग्रुप था, जिसे अक्टूबर 2024 में छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित किया गया था। एनआईए की जांच में सामने आया कि आरोपी नक्सलियों के लिए पैसे जुटाते थे और इन पैसों का इस्तेमाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों और विकास कार्यों में बाधा डालने के लिए किया जाता था।
माओवादी फंडिंग और विरोध प्रदर्शनों में भूमिका
एनआईए ने बताया कि अवैध फंडिंग का यह नेटवर्क एमबीएम जैसे फ्रंटल संगठनों के जरिए संचालित होता था। जांच में पता चला कि ये पैसे विरोध प्रदर्शनों के आयोजन और सरकारी विकास कार्यों को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। इस केस में अब तक कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
बीजापुर से पकड़ाए थे आरोपी
मई 2023 में बीजापुर पुलिस ने गजेंद्र मडवी और लक्ष्मण कुंजाम को पकड़ा था। उनके पास से छह लाख रुपये नकद बरामद हुए थे। जांच से पता चला कि दोनों यह रकम माओवादी नेताओं के निर्देश पर अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराने जा रहे थे। नवंबर 2023 में पुलिस ने इनके खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की थी। (NIA Action)
NIA की जांच और पूरक चार्जशीट
फरवरी 2024 में यह केस एनआईए को सौंपा गया। अगस्त 2025 में एजेंसी ने पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें गजेंद्र और लक्ष्मण पर नए आरोप लगाए गए और रघु मिडियामी को भी आरोपी बनाया गया। एनआईए ने कहा है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और आगे और नाम सामने आ सकते हैं।