उत्तर प्रदेश के संभल में हाल के दिनों में मस्जिद विवाद और I Love Mohammad कैंपेन को लेकर गहमागहमी देखने को मिल रही है। इसी बीच, सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने हयात नगर में आयोजित जश्न-ए-ग़ौसुल-वरा कार्यक्रम में हिस्सा लिया और वहां उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस्लाम हमेशा सिखाता है — “जिस मुल्क में रहो, उससे मोहब्बत करो और उसकी वफ़ा निभाओ”। उनका यह बयान सीधा तौर पर Country & Faith Harmony (देश और आस्था की सद्भावना) पर ज़ोर देता है।
इतिहास और क़ुर्बानियों की याद
सांसद ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे बुजुर्गों ने इस मिट्टी के लिए अपनी जान तक दी है। हमारी तारीख क़ुर्बानियों से भरी है और हमें उस पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि हमें अपनी तारीख से शर्मिंदा होने की कोई ज़रूरत नहीं है, बल्कि हमें उस पर फख्र महसूस करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक सच्चा मुसलमान अपने मज़हब पर डटा रहता है, लेकिन साथ ही अपने मुल्क (nation) के प्रति भी वफ़ादारी निभाता है। यह संदेश फिर से Country & Faith Harmony की अहमियत को सामने रखता है।
नस्लों को भूलने का तंज
जियाउर रहमान बर्क ने कहा कि आज की नई पीढ़ी अपनी तारीख और अपने बुजुर्गों की कुर्बानियों को भूल चुकी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली नस्लों को यह सिखाएं कि मज़हब और मुल्क दोनों का सम्मान करना जरूरी है। यही असली Faith and Loyalty (आस्था और वफ़ादारी) है।
I Love Mohammad कैंपेन पर प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के दौरान जब उनसे I Love Mohammad कैंपेन पर सवाल किया गया तो सांसद ने स्पष्ट कहा कि पैगंबर मोहम्मद का पैग़ाम हमेशा शांति और भाईचारे का रहा है। उन्होंने कहा कि I Love Mohammad लिखना या पोस्टर लगाना न किसी की आस्था को ठेस पहुंचाता है और न ही कोई गलत संदेश देता है। उन्होंने इसे Country & Faith Harmony का हिस्सा बताते हुए कहा कि धर्म और देश दोनों का सम्मान साथ-साथ होना चाहिए।
बुलडोजर कार्रवाई पर टिप्पणी
सांसद ने प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सजा देना अदालत का काम है, न कि प्रशासन का। उनके मुताबिक, कानून की प्रक्रिया से ही इंसाफ सुनिश्चित होता है। इस तरह का बयान उन्होंने न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताने और समाज में शांति का संदेश देने के लिए दिया।