सीजी भास्कर, 9 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में रायपुर जोनल कार्यालय देशभर में अग्रणी बन गया है। बीते महीनों में देश के 28 शहरों में की गई बड़ी छापेमारी कार्रवाई में रायपुर ने मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद जैसे बड़े महानगरों को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां पर लगभग 8,000 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग (Money Laundering Case) का खुलासा किया गया है।
ईडी की टीम ने बताया कि रायपुर से जुड़े महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप (Money Laundering Case) के माध्यम से हुए वित्तीय अपराधों में अब तक 2,311 करोड़ रुपये की संपत्तियां फ्रीज की जा चुकी हैं और 13 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी गिरफ्तारियां ईडी द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग और साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों के तहत की गई हैं।
दरअसल, ईडी ने देशभर में मनी लांड्रिंग और साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। श्रीनगर में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में ईडी प्रमुख राहुल नवीन ने जानकारी दी कि एजेंसी ने वर्ष 2020 से अब तक लगभग 28,000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई और 8,500 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों की पहचान की है। अब तक 106 से अधिक गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। ईडी ने स्पष्ट किया है कि विदेशों से ऑपरेट हो रहे गिरोहों को भी इस अभियान के दायरे में लाया जा रहा है।
रायपुर सबसे आगे, मुंबई-दिल्ली-हैदराबाद पीछे
ईडी का रायपुर जोनल कार्यालय (Money Laundering Case) वर्तमान में देश का सबसे बड़ा साइबर वित्तीय अपराध जांच केंद्र बनकर उभरा है। यहां के अधिकारी न केवल महादेव एप से जुड़े बड़े नेटवर्क की तह तक पहुंच रहे हैं, बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन चैनलों को भी ट्रेस कर चुके हैं।
तुलनात्मक रूप से देखें तो मुंबई कार्यालय 6,000 करोड़ रुपये, दिल्ली की दो हाई-इंटेंसिटी यूनिट्स 5,300 करोड़ रुपये और हैदराबाद कार्यालय 2,600 करोड़ रुपये के मामलों की जांच कर रहे हैं। वहीं, रायपुर कार्यालय ने अकेले 8,000 करोड़ रुपये के घोटाले को उजागर करते हुए देश में अपनी सबसे मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
महादेव सट्टा एप बना देश का सबसे बड़ा मामला
रायपुर कार्यालय वर्तमान में देश के सबसे बड़े और चर्चित महादेव सट्टा एप (Money Laundering Case) प्रकरण की जांच कर रहा है। इस केस में 160 से अधिक स्थानों पर छापे मारे जा चुके हैं, जिनमें 19 करोड़ रुपये नकद, 17 करोड़ रुपये के कीमती आभूषण और संपत्तियां जब्त की गई हैं। इसके साथ ही विभिन्न बैंक और डीमैट खातों में रखे 2,311 करोड़ रुपये को फ्रीज किया गया है।
ईडी सूत्रों ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि एप के मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर और उसका साथी रवि उप्पल दुबई में बैठकर पूरे नेटवर्क को नियंत्रित कर रहे थे। इनके खिलाफ प्रत्यर्पण प्रक्रिया जारी है और भारत सरकार ने इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
फैक्ट फाइल
कार्यालय जांच राशि
रायपुर 8,000 करोड़ रुपये
मुंबई 6,000 करोड़ रुपये
दिल्ली 5,300 करोड़ रुपये
हैदराबाद 2,600 करोड़ रुपये
महादेव एप केस में अब तक की कार्रवाई
160 से ज्यादा जगहों पर छापे
19 करोड़ रुपये नकद जब्त
17 करोड़ रुपये के कीमती आभूषण व संपत्तियां बरामद
बैंक और डीमैट खातों में रखे 2,311 करोड़ रुपए फ्रीज
अब तक 13 गिरफ्तारियां
मुख्य आरोपित सौरभ चंद्राकर और उसके साथी के यूएई से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी
ईडी अधिकारियों का कहना है कि रायपुर जोनल यूनिट ने न केवल इस पूरे नेटवर्क की आर्थिक लेयरिंग को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि मनी लांड्रिंग (Money Laundering Case) अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि देश के छोटे राज्यों में भी इसका जाल फैल चुका है। इस उपलब्धि के बाद रायपुर ईडी जोन को “मॉडल यूनिट” के रूप में अन्य राज्यों के लिए आदर्श बनाया जा रहा है।