सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। बहुचर्चित (NAN Scam Chhattisgarh) नान घोटाला मामले में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को गुरुवार को रायपुर की विशेष ईडी कोर्ट ने जमानत दे दी। हालांकि राहत केवल एक तक सीमित रही — जहां आलोक शुक्ला जेल से बाहर आने की तैयारी में हैं, वहीं अनिल टुटेजा को अभी राहत नहीं मिल पाई है। कारण है शराब घोटाला मामला, जिसमें टुटेजा भी आरोपित हैं और जांच अभी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) द्वारा जारी है।
रिमांड पूरी, जमानत पर राहत लेकिन अधूरी
दिल्ली से चार सप्ताह के कस्टोडियल रिमांड पर आए दोनों अधिकारी 22 सितंबर को ईडी कोर्ट में सरेंडर हुए थे। उनकी रिमांड 16 अक्टूबर को पूरी हुई। कोर्ट ने दोनों को जमानत दी, पर (NAN Scam Chhattisgarh) शराब घोटाले के मामले में अनिल टुटेजा को कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली। इसलिए उन्हें जेल में ही रहना होगा। इस बीच, आलोक शुक्ला की रिहाई की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और वे जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे।
दो समानांतर मामलों में उलझे टुटेजा
पूर्व नान एमडी अनिल टुटेजा दो बड़े मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं नान घोटाला और शराब घोटाला। नान घोटाले की जांच ईडी (Enforcement Directorate) द्वारा की जा रही है, जबकि शराब प्रकरण की तहकीकात ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) के हाथों में है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक दोनों मामलों में समानांतर राहत नहीं मिलती, टुटेजा की रिहाई संभव नहीं होगी।
क्या है नान घोटाला
नान यानी नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक इतिहास के सबसे चर्चित मामलों में से एक है।
इस मामले में आरोप है कि खाद्यान्न — विशेष रूप से चावल और नमक के परिवहन और भंडारण में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ।
12 फरवरी 2015 को एसीबी और ईओडब्ल्यू ने एक साथ 29 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिनमें नान मुख्यालय रायपुर भी शामिल था।
छापों के दौरान पौने दो करोड़ रुपये से अधिक नकदी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे। कुल मिलाकर 3.50 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी। इस दौरान आलोक शुक्ला, जो उस समय खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे, और अनिल टुटेजा, जो नान के एमडी थे, दोनों को आरोपी बनाया गया।
अदालत की निगरानी में आगे बढ़ेगी जांच
ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों एजेंसियों की जांच अदालत की निगरानी में जारी है। राज्य के राजनीतिक हलकों में इस केस को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है क्योंकि (NAN Scam Chhattisgarh) दोनों घोटालों का संबंध पूर्व शासनकाल की वित्तीय कार्यप्रणाली से जुड़ा है। ईडी ने संकेत दिए हैं कि मामले से जुड़े कुछ और आरोपियों से पूछताछ हो सकती है।
राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हलचल
टुटेजा और शुक्ला दोनों का नाम छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में लंबे समय से चर्चा में रहा है। दोनों के खिलाफ केस ने जहां शासन की छवि पर असर डाला था, वहीं अब एक की रिहाई और दूसरे के जेल में रहने से राजनीतिक बयानबाजी भी तेज होने लगी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में यह मामला एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।
शराब घोटाले ने फंसा रखा है मामला
शराब घोटाले में अनिल टुटेजा पर कथित रूप से लाइसेंसिंग और खरीद प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप हैं। ईओडब्ल्यू इस मामले में वित्तीय लेनदेन और संबंधित फाइलों की गहन जांच कर रहा है। यदि जांच में नए सबूत सामने आते हैं, तो टुटेजा की कानूनी स्थिति और जटिल हो सकती है।