सीजी भास्कर, 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास स्थित गौशाला में (Govardhan Puja 2025 Chhattisgarh) के पावन अवसर पर गौमाता की विधिवत पूजा-अर्चना की और उन्हें खिचड़ी खिलाकर गोसेवा की परंपरा निभाई। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025 Chhattisgarh) केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति, गौवंश और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है। उन्होंने प्रदेशवासियों को इस शुभ अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
पूजा-अर्चना के उपरांत मुख्यमंत्री ने प्रसाद वितरण के दौरान गौशाला में सेवा कर रहे गौसेवकों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। उन्होंने गौसेवा के प्रति समर्पण और निष्ठा के लिए गौसेवकों की सराहना की तथा सभी नागरिकों से गौवंश की रक्षा और संरक्षण के कार्यों में सक्रिय रूप से आगे आने की अपील की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौशाला की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। गौसेवकों ने उन्हें बताया कि गौशाला में गौवंश की देखरेख की सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुचारु रूप से संचालित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025 Chhattisgarh) हमारे जीवन में प्रकृति, अन्न और पशुधन के प्रति कृतज्ञता का उत्सव है। गाय भारतीय संस्कृति की आधारशिला है यह न केवल ग्रामीण जीवन की आत्मा है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और आस्था दोनों की केंद्रबिंदु भी है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में गोसेवा और प्रकृति पूजन की परंपरा गहराई से रची-बसी है। गाय, अन्न और धरती का सम्मान करना उस मातृशक्ति का वंदन है, जिससे हमारा जीवन जुड़ा है। जब हम इन्हें नमन करते हैं, तब हम अपनी संस्कृति की जड़ों, आत्मा की गहराइयों और समृद्धि के स्रोतों को स्पर्श करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय गौमाता के रूप में पूजनीय है, और इसी भावना के साथ राज्य सरकार गोसेवा को ग्रामीण विकास की धुरी बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है।