सीजी भास्कर, 22 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सीपत थाना परिसर में एक चौंकाने वाली घटना (Bilaspur Police Controversy) सामने आई है। यहां सार्वजनिक शौचालय के अस्थायी दरवाजे के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के फोटो वाले पोस्टर का इस्तेमाल किया गया। घटना सामने आते ही थाने में राजनीतिक तूफान मच गया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया
जानकारी के अनुसार, यह पोस्टर “सुशासन पखवाड़ा” कार्यक्रम के तहत लगाया गया था, लेकिन शौचालय का दरवाजा टूटने के बाद पुलिसकर्मियों ने इसे अस्थायी रूप से दरवाजे के रूप में लगा दिया। जब यह बात भाजपा नेताओं को पता चली, तो पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हो उठे और बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए।
भाजपा जिला ग्रामीण उपाध्यक्ष राज्यवर्धन कौशिक, सीपत मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा, उपाध्यक्ष अभिलेष यादव, वरिष्ठ नेता मन्नू ठाकुर, मदनलाल पाटनवार, बसंत साहू सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने थाना परिसर में जमकर नारेबाजी की।
कार्यकर्ताओं ने थाना प्रभारी गोपाल सतपथी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके संरक्षण में अवैध गतिविधियाँ और शराबखोरी बढ़ रही हैं। साथ ही, थाना परिसर में बाहरी लोगों को बुलाकर शराब सेवन किए जाने की शिकायत भी की गई।
डीएसपी मौके पर पहुंचे, जांच के आदेश
मामले की जानकारी मिलते ही डीएसपी निमितेश सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और भाजपाइयों से बातचीत की। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि शौचालय में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पोस्टर लगाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
डीएसपी ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद स्थिति शांत हुई। हालांकि, घटना के बाद से पूरे जिले में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और सोशल मीडिया पर भी (Bilaspur Police Controversy) से जुड़ी तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
भाजपा की सख्त मांग, थाना प्रभारी हटे
भाजपा नेताओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक थाना प्रभारी को हटाया नहीं जाता, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे।
भाजपा जिला इकाई ने इसे प्रशासनिक असंवेदनशीलता का उदाहरण बताया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि थाने में अनुशासनहीनता और राजनीतिक दुर्भावना के कई उदाहरण पहले भी सामने आ चुके हैं। डीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
थाने से हटाया गया शिलालेख, जांच की मांग
भाजपा सीपत मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा ने आरोप लगाया कि थाना लोकार्पण के दौरान लगाया गया शिलालेख अब परिसर से गायब है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस मामले में पहले भी आपत्ति जताई थी और शिकायत उच्च अधिकारियों तक भेजी गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब इस पूरे प्रकरण की जांच कर जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की जा रही है।
राजनीतिक हलचल बढ़ी, कांग्रेस मौन
इस घटना के बाद भाजपा ने इसे पुलिस प्रशासन की नाकामी करार दिया है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद (Bilaspur Police Controversy) आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, खासकर तब जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं पुलिस व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपना चुके हैं।