सीजी भास्कर, 5 नवंबर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 22 नवंबर से प्रदेशभर में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Employee Federation Strike) की चेतावनी दी है। फेडरेशन ने कहा है कि यदि सरकार ने उनकी 11 सूत्री मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो राज्य के सभी कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक और पेंशनभोगी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।फेडरेशन की प्रमुख मांगों में 65 वर्ष सेवानिवृत्ति आयु, महंगाई भत्ते (डीए) की बकाया किस्तों का भुगतान, गृह निर्माण ऋण स्वीकृति और पदोन्नति से संबंधित लंबित मुद्दों का निराकरण शामिल है।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, बीपी शर्मा और प्रवक्ता जीआर चंद्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्योत्सव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास को देखते हुए 22 अक्टूबर की प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित (Chhattisgarh Employee Federation Strike) किया गया था। लेकिन अब यदि सरकार ने रजत जयंती समारोह के अवसर पर भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो कर्मचारी संगठन 22 नवंबर से बेमियादी हड़ताल शुरू करने को बाध्य होगा।
अधिकारियों ने कहा कि फेडरेशन की मांगें नई नहीं हैं, बल्कि लंबे समय से विचाराधीन हैं। कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपने और बैठकों के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं होने से कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है। फेडरेशन पदाधिकारियों ने कहा कि जब राज्य विकास के नए आयाम गढ़ रहा है, तब कर्मचारियों का अपने हक के लिए सड़कों पर उतरना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन अब धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, हड़ताल की स्थिति में राज्य के अधिकांश विभागों, स्कूलों और कार्यालयों का कामकाज प्रभावित (Chhattisgarh Employee Federation Strike) हो सकता है। फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन अगर सरकार ने समय पर बातचीत नहीं की, तो इसका असर प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे पर व्यापक रूप से देखने को मिलेगा।
