सीजी भास्कर 5 नवम्बर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को तुरंत खोलने की मांग उठाई है। (Kartarpur Corridor Demand)
उन्होंने केंद्र सरकार पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब देश पाकिस्तान से क्रिकेट खेल रहा है और गुजरात के जरिए व्यापार भी जारी है, तो श्रद्धालुओं के लिए यह धार्मिक मार्ग बंद रखना उचित नहीं है।
श्रद्धालुओं के लिए खोलें दरवाज़ा, सिर्फ़ राजनीति नहीं: भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर सिर्फ़ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि करोड़ों सिख श्रद्धालुओं की भावना से जुड़ा स्थान है। उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर सरकार को इसे खोलने के लिए किसी के लिखने का इंतज़ार है, तो इसका क्या अर्थ रह जाता है? उन्हें खुद इसे खोल देना चाहिए।”
सीएम ने कहा कि करतारपुर की यात्रा महज 4-5 घंटे की होती है, श्रद्धालु मत्था टेककर लौट आते हैं। “जब मैच और व्यापार (India-Pakistan Relations) दोनों चल रहे हैं, तो भक्तों के लिए यह दरवाज़ा क्यों बंद है?”
पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू हो तो बढ़ेगा रोजगार: पंजाब CM
जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या पंजाब के रास्ते पाकिस्तान के साथ व्यापार दोबारा शुरू होना चाहिए, तो उन्होंने साफ कहा — “बिलकुल, इसे शुरू होना चाहिए था।”
भगवंत मान ने कहा कि इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को नया सहारा मिलेगा। “हमारी सीमाएं सुरक्षा के साथ खुली रह सकती हैं, जैसे अतीत में थीं,” उन्होंने जोड़ा।
गुरु पर्व पर मत्था टेकने पहुंचे CM, की शांति और समृद्धि की अरदास
मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरु पर्व के अवसर पर करतारपुर साहिब में मत्था टेकने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यह धरती गुरुओं और शहीदों की है, जहां से शांति और एकता का संदेश मिलता है।
उन्होंने कहा — “मैंने पंजाब की प्रगति, भाईचारे और अमन के लिए अरदास की है। दुनिया भर के लोग इस धरती की पवित्रता को महसूस करते हैं।”
पहलगाम हमले के बाद बंद हुआ था कॉरिडो
जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया था।
सरकार ने तब कहा था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” हालांकि अब हालात बदल चुके हैं, और क्रिकेट समेत कई अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संपर्क जारी है।
पंजाब की जनता चाहती है ‘रिश्तों में सहजता’
स्थानीय लोगों का मानना है कि करतारपुर कॉरिडोर का फिर से खुलना न सिर्फ़ धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक होगा, बल्कि भारत-पाक संबंधों में भी सहजता लाएगा। (Peace Relations)
लोगों का कहना है कि यह कॉरिडोर राजनीति से ऊपर उठकर श्रद्धा, शांति और संवाद का पुल बनना चाहिए।
