सीजी भास्कर, 5 नवंबर। भगोड़े शराब कारोबारी (Vijay Mallya Assets Case) विजय माल्या ने मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जब्त संपत्तियों और बैंकों द्वारा की गई वसूली का पूरा ब्योरा मांगा है। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
माल्या ने अपनी याचिका में कहा कि बैंकों ने ऋण भुगतान में चूक के आधार पर उनकी कई संपत्तियां जब्त की हैं, जिनका विवरण उन्हें अब तक नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों ने पहले से वसूल की गई राशि पर भी ब्याज वसूला है, जबकि (Vijay Mallya Assets Case) में यह अनुचित है।
वरिष्ठ वकील साजन पूवैया ने अदालत में दलील दी कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत माल्या की संपत्तियां अटैच की गई थीं और अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। उनका कहना है कि बकाया राशि से अधिक वसूली की जा चुकी है, इसलिए बैंकों को इस पर ब्याज वसूलने का अधिकार नहीं है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस ललिता कन्नेगंती ने सवाल किया कि जब कंपनी अदालत में मामला लंबित है, तो माल्या ने हाई कोर्ट में रिट याचिका क्यों दायर की? उन्होंने पूछा कि क्या रिट याचिका के माध्यम से निजी बैंकों से वित्तीय विवरण मांगा जा सकता है?
माल्या के वकील ने जवाब दिया कि रिट याचिका दायर करना उनका संवैधानिक अधिकार है। इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि माल्या न्यायालय की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए हैं और देश में चल रही अन्य कानूनी कार्यवाहियों से भी दूर हैं, ऐसे में रिट याचिका दायर करने का अधिकार सवालों के घेरे में है।
बैंकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम हुइलगोल ने तर्क दिया कि विजय माल्या देश छोड़कर भाग गए हैं और उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भारत लौटना चाहिए। अदालत ने बैंकों को अपनी आपत्तियां लिखित रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 12 नवंबर तक टाल दी।
लंबे समय से लंदन में रह रहे हैं माल्या
PMLA के तहत विजय माल्या की कंपनियों और निजी संपत्तियों से लगभग ₹10,000 करोड़ की वसूली हो चुकी है। जांच एजेंसियां अब तक की वसूली रिपोर्ट अदालत में पेश कर चुकी हैं। विजय माल्या फिलहाल लंदन में हैं और भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें 2016 में भारत छोड़ने के बाद से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है।
