सीजी भास्कर, 6 नवंबर। पुलिस की कथित बर्बरता से एक बसपा नेता (Shahjahanpur BSP Leader Murder) की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि जानलेवा हमले के आरोपित की तलाश में गई पुलिस ने उसके पिता, बसपा के अनुसूचित जाति जोन प्रभारी सत्यभान को पीटने के बाद छत से नीचे फेंक दिया। घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बुधवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
यूपी के शाहजहांपुर जिले में परिवार का कहना है कि मृत्यु से पहले सत्यभान ने पुलिस की बर्बरता का बयान दिया था, जो वीडियो के रूप में सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। गुस्साए स्वजनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर छह घंटे तक शव उठाने से इनकार किया। देर शाम पुलिस ने दारोगा राहुल सिसौदिया और एक सिपाही (Shahjahanpur BSP Leader Murder) के खिलाफ गैरइरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि “तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।” हालांकि प्रारंभिक जांच में पुलिस पिटाई और धक्का देने के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।
मृत्यु पूर्व बयान में पुलिस की बर्बरता का जिक्र
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती रहते हुए सत्यभान ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस ने उनके बेटे की तलाश के दौरान बेरहमी से पीटा और छत से धक्का दिया। यह बयान वीडियो के रूप में इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। सुबह नौ बजे परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए शव को सड़क पर रखकर विरोध शुरू किया। करीब छह घंटे बाद, अधिकारियों द्वारा आश्वासन मिलने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।
जातिगत टिप्पणी और पुराने विवाद से जुड़ा था तनाव
सत्यभान की पत्नी रेखा ने बताया कि उनके बेटे अभिषेक का 22 अगस्त को अमन शुक्ला नाम के युवक से झगड़ा हुआ था। उसी मामले में पुलिस बार-बार उनके घर दबिश दे रही थी। परिवार का आरोप है कि अमन और उसके परिवार की जातिगत टिप्पणियों (Shahjahanpur BSP Leader Murder) का विरोध करने के कारण उन्हें निशाना बनाया गया। बसपा नेताओं ने कहा है कि पुलिस अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। पार्टी ने दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग की है।
