Vande Mataram Singing at Kalyan College : भिलाई के सेक्टर-7 स्थित कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Kalyan College Bhilai) में शुक्रवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला।
महाविद्यालय के सभागार में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने मिलकर राष्ट्रगीत वंदे मातरम (Vande Mataram) का सामूहिक गायन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, देशभक्ति और संस्कृति के प्रति सम्मान को पुनर्जीवित करना था।

150वीं जयंती के अवसर पर हुआ आयोजन, उमड़ा उत्साह
सात नवंबर, शुक्रवार को राष्ट्रगीत वंदे मातरम की 150वीं जयंती (Vande Mataram Anniversary) के मौके पर कॉलेज परिसर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. विनय शर्मा, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनिर्बन चौधरी, संकायाध्यक्ष और सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और मां भारती को नमन से हुई।
Vande Mataram Singing at Kalyan College : सभागार में गूंजे देशभक्ति के सुर, एक स्वर में गाया वंदे मातरम
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा सभी प्रतिभागियों द्वारा राष्ट्रगीत का एक साथ गायन।
जैसे ही सभागार में “वंदे मातरम” के शब्द गूंजे, वातावरण भावनाओं से भर उठा।
विद्यार्थियों ने एक स्वर में गीत गाकर भारत माता के प्रति अपने समर्पण और गर्व को व्यक्त किया।
Principal’s Address: देशभक्ति और अनुशासन का प्रतीक है वंदे मातरम
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. विनय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि
Vande Mataram (वंदे मातरम) केवल गीत नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र का भाव है।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हर भारतीय को इस गीत की आत्मा को समझना चाहिए,
क्योंकि यही गीत देश की स्वतंत्रता यात्रा का प्रतीक रहा है।
Vande Mataram Singing at Kalyan College : राष्ट्रीय एकता का संदेश, विद्यार्थियों ने लिया संकल्प
महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर देश की एकता, अखंडता और प्रगति के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने खड़े होकर राष्ट्रगीत की पंक्तियों के साथ “भारत माता की जय” के नारे लगाए।
कार्यक्रम का संचालन कॉलेज के सांस्कृतिक विभाग द्वारा किया गया।

संस्कृति और शिक्षा का संगम बना कल्याण कॉलेज का समारोह
Vande Mataram Singing at Kalyan College केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि एक प्रेरणा बन गया।
यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा के साथ संस्कार और देशभक्ति को जोड़ना ही सच्ची शिक्षा का उद्देश्य है।
समारोह ने यह संदेश दिया कि आज की युवा पीढ़ी न केवल आधुनिक है, बल्कि अपने देश की जड़ों से भी गहराई से जुड़ी हुई है।
