सीजी भास्कर, 7 नवंबर। छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। हाई कोर्ट ने (Teacher Promotion Chhattisgarh) व्याख्याता पद से प्राचार्य पद पर पदोन्नति को लेकर राज्य शासन द्वारा तय किए गए कैडर और मापदंडों को पूरी तरह वैध ठहराया है।
इस फैसले के साथ ही ई संवर्ग के 1,378 शिक्षकों (Teacher Promotion Chhattisgarh) के लिए प्राचार्य बनने का रास्ता साफ हो गया है। यह फैसला शिक्षकों के लिए एक राहत की तरह है, क्योंकि लंबे समय से पदोन्नति प्रक्रिया अदालत में अटकी हुई थी। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सिंगल बेंच ने 5 अगस्त 2025 को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया है।
राज्य शासन के मापदंडों को कोर्ट ने बताया तार्किक और सही
राज्य शासन ने व्याख्याताओं की पदोन्नति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें कैडर व्यवस्था, सीनियॉरिटी, और सेवा-अवधि जैसे बिंदु शामिल थे। याचिकाकर्ताओं की ओर से इन मापदंडों को चुनौती दी गई थी, लेकिन हाई कोर्ट (Teacher Promotion Chhattisgarh) ने इन्हें पूरी तरह सही माना। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शासन को नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है, और शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता बनाए रखने के लिए ये मापदंड आवश्यक हैं।
एक साथ होगी सभी याचिकाओं की सुनवाई
मामले में कई शिक्षकों और संगठनों ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। अखिलेश त्रिपाठी की याचिका (Teacher Promotion Chhattisgarh) पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इसी विषय पर अन्य बेंचों में भी केस लंबित हैं। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब कर सुनवाई करने की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब इन सभी याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई डिवीजन बेंच में की जाएगी।
