सीजी भास्कर, 8 नवंबर | Bastar NIA Raid : छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में शुक्रवार को एक बार फिर (NIA Investigation) की दस्तक गूंजी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में कुल 12 ठिकानों पर एक साथ रेड की। ये कार्रवाई 2023 में हुए उस अरनपुर IED ब्लास्ट केस से जुड़ी बताई जा रही है, जिसने पूरे बस्तर को झकझोर दिया था।
Bastar NIA Raid: अरनपुर ब्लास्ट केस: जब 11 जवानों की जान गई थी
26 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा के अरनपुर में (IED Blast Case) के दौरान एक हृदय विदारक घटना हुई थी। नक्सलियों ने सड़क किनारे एक IED विस्फोट कर DRG जवानों से भरी गाड़ी को उड़ा दिया था, जिसमें 10 जवान और एक वाहन चालक शहीद हो गए थे।
सड़क से करीब 80 मीटर लंबा तार जंगल की ओर फैला मिला था — यह साबित करता है कि हमले की योजना बेहद सुनियोजित तरीके से बनाई गई थी।
12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
NIA की टीमों ने शुक्रवार सुबह-सुबह बस्तर रेंज के कई गांवों और कस्बों में (NIA Raid Bastar) को अंजाम दिया।
छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, नकदी, लेवी वसूली से जुड़े कागजात, और माओवादियों के हाथ से लिखे पत्र बरामद किए गए हैं।
जांच एजेंसी ने कई डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं जिनका संबंध संदिग्ध माओवादी नेटवर्क से बताया जा रहा है।
Bastar NIA Raid: 27 गिरफ्तार, दो आरोपपत्र दाखिल
अब तक NIA इस केस में 27 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच के सिलसिले में दो चार्जशीट (NIA Chargesheet) अदालत में दाखिल की जा चुकी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को उम्मीद है कि हाल की इस छापेमारी से अरनपुर ब्लास्ट के असली मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने में बड़ी मदद मिलेगी।
IED ब्लास्ट की प्लानिंग: कैसे बनी थी साजिश
NIA की शुरुआती जांच में सामने आया कि नक्सलियों ने करीब 50 किलो विस्फोटक (Explosive) पहले से ही सड़क में दबा दिया था।
DRG की छह टीमों को ऑपरेशन के बाद लौटते वक्त निशाना बनाया गया।
विस्फोट इतना भयानक था कि वाहन के पुर्जे 60 से 70 मीटर दूर तक बिखर गए और सड़क में करीब 7 फीट गहरा गड्ढा बन गया था।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस वारदात को नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम (Small Action Team) ने अंजाम दिया था।
Bastar NIA Raid: जांच जारी, बस्तर में अलर्ट
NIA अब भी (Ongoing Investigation) के तहत कई और संदिग्ध ठिकानों पर नजर बनाए हुए है।
सूत्र बताते हैं कि एजेंसी की फोकस अब उन लिंक पर है, जिनके जरिए नक्सल संगठन को फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलता था।
बस्तर पुलिस ने भी क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया है ताकि किसी भी तरह की प्रतिक्रिया या विरोध को तुरंत नियंत्रित किया जा सके।
