सीजी भास्कर 14 नवंबर अंता सीट के लिए हुए Anta ByElection Result में इस बार सियासी तस्वीर पूरी तरह पलट गई। कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने बेहद मजबूत बढ़त लेते हुए बीजेपी प्रत्याशी मोरपाल सुमन को 15,594 वोटों के अंतर से पराजित कर दिया। शुरुआत में मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा था, लेकिन अंतिम राउंड में समीकरण बदलते चले गए और कांग्रेस ने निर्णायक बढ़त बना ली।
(Anta Election Outcome)
शुरुआत में निर्दलीय आगे, लेकिन अंत में बड़ी उलटफेर
नतीजों की शुरुआती गिनती में स्वतंत्र प्रत्याशी नरेश मीणा ने सभी को चौंका दिया था। कई राउंड तक वे आगे चलते रहे, लेकिन जैसे-जैसे मतदान पत्र खुलते गए, प्रमोद जैन भाया ने अंतर बनाना शुरू किया।
बीजेपी उम्मीदवार अधिकांश राउंड में न सिर्फ पीछे रहे, बल्कि पूरे चुनाव के दौरान मैदान में नेतृत्व की कमी भी साफ दिखाई दी।
(Rajasthan ByPoll Highlights)
पिछली हार का हिसाब, इस बार बड़ी जीत से पूरा किया
प्रमोद जैन भाया पिछला विधानसभा चुनाव बेहद कम अंतर से हार गए थे। इस बार उन्होंने चुनाव प्रचार को स्थानीय मुद्दों के इर्द-गिर्द रखा और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार कैंपेन चलते हुए अपनी पकड़ मजबूत की।
इस सीट पर मुकाबला तीन तरफा था—कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय; लेकिन जैसे ही मध्य राउंड शुरू हुए, कांग्रेस ने बढ़त को स्थिर रखा और अंतिम तक बनाए रखा।
(Congress Victory Rajasthan)
मुख्यमंत्री के प्रचार के बावजूद क्यों हार गई बीजेपी?
अंता का यह उपचुनाव खास इसलिए था क्योंकि सूबे के मुख्यमंत्री ने खुद यहां प्रचार किया था। इसके बावजूद जनता का रुझान बीजेपी के पक्ष में नहीं दिखा।
स्थानीय विश्लेषकों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में क्षेत्र से जुड़े मुद्दे, ग्रामीण असंतोष और प्रत्याशी चयन जैसे कारक बीजेपी की हार के पीछे प्रमुख कारण रहे।
वहीं कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर पूरा प्रचार नेतृत्व एक ही चेहरा संभाल रहा था, जिससे कैंपेन को फोकस्ड दिशा मिली।
अंता सीट खाली कैसे हुई?
11 नवंबर को हुए उपचुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि यहां के पूर्व विधायक की सदस्यता अदालत के फैसले के बाद समाप्त कर दी गई थी।
पुराने मामले में सुनाई गई सजा के चलते सीट रिक्त हुई और चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराने का ऐलान किया।
14 नवंबर को घोषित हुए नतीजों ने एक बार फिर इस क्षेत्र की राजनीतिक दिशा को नया मोड़ दे दिया है।
