सीजी भास्कर, 21 नवंबर। धरसीवां जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में आए दिन किसी न किसी गांव में गौवंश की मौत की खबर सामने आ रही है। अब नगरगांव में चार गौवंश की मौत (cow death issue) की जानकारी सामने आने के बाद गौसेवकों में भारी आक्रोश है। गौसेवकों ने रोजगार सहायिका पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए जनपद पंचायत धरसीवा और पुलिस थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
श्रीराम गौसेवा संगठन से जुड़े गौसेवकों का कहना है कि ग्राम पंचायत नगरगांव में गौवंशों की असमय मृत्यु हो रही है। उनका आरोप है कि नगरगांव गौशाला (Nagargaon gaushala case) में गौवंशों को कैद कर रखा गया है, जहाँ चारा-पानी की सही व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण रोजाना किसी न किसी गौवंश की मौत हो रही है।
गुरुवार 20 नवंबर को गौसेवक जब नगरगांव गौशाला का निरीक्षण करने पहुँचे, तो वहाँ चार गौमाता मृत अवस्था में मिलीं और दर्जनों गौवंशों के कंकाल पड़े मिले। इस बारे में पूछने पर रोजगार सहायिका ने गौसेवकों से बेहद असंवेदनशील टिप्पणी करते हुए कहा कि “आप लोग नेतागिरी कर रहे हो” (Dharshiwa news)।
रोजगार सहायिका के इन शब्दों से आहत गौसेवक सीधे जनपद कार्यालय पहुँचे और उन्होंने जनपद सीईओ को लिखित शिकायत सौंपकर तत्काल कड़ी कार्यवाही (administrative action) की मांग की।
गौसेवकों का यह भी कहना है कि कुछ दिन पूर्व नगरगांव में नरेंगा मजदूरों को बाहर ठेकेदारी के तहत भेजा गया था। इसी दौरान एक मजदूर ट्रैक्टर-ट्रॉली से गिरकर मृत हो गया था, जिसका जम्युप्रतिवेदन (postmortem report delay) अब तक नहीं मिला और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई हुई।
उनका कहना है कि कार्यवाही न होने से रोजगार सहायिका के हौसले बुलंद हो गए हैं और अब नगरगांव गौठान में गौवंशों की मृत्यु आम घटना बन गई है। इसी वजह से समस्त गौसेवकों और हिंदू संगठनों में गहरा रोष है। गौसेवकों ने चेतावनी दी है कि यदि गौवंश मौत मामले में उचित कार्यवाही नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और जनपद कार्यालय का घेराव भी करेंगे।
क्या कहते हैं जनपद सीईओ
गौसेवक मोहन सोन, मनीष धीवर, नीलकमल साहू, चन्दन निषाद, हेमन्त यादव, राजू जातू सहित अन्य द्वारा की गई शिकायत पर जनपद सीईओ ने बताया कि मृत गायों का पोस्टमार्टम कराने के लिए पशु चिकित्सक को निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि मृत्यु का सही कारण स्पष्ट हो सके। सीईओ ने कहा कि मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही (official inquiry) सुनिश्चित की जाएगी।
