सीजी भास्कर, 02 दिसंबर। UPSC की तैयारी कराने वाले शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा (Awadh Ojha Quits Politics) ने राजनीति से संन्यास लेने का अप्रत्याशित ऐलान कर दिया। आम आदमी पार्टी के टिकट पर पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव लड़कर राजनीति में कदम रखने वाले ओझा लगभग 10 महीनों के भीतर ही इससे अलग हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक नोट साझा करते हुए अपने निर्णय की जानकारी दी।
अवध ओझा ने लिखा कि राजनीति से संन्यास लेना उनका “निजी फैसला” है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व—अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह—के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें मिला सम्मान जीवनभर याद रहेगा। ओझा ने अपने संदेश में लिखा,
“आदरणीय अरविंद, मनीष, संजय… आप सभी का हृदय से धन्यवाद। आपने जो प्रेम और सम्मान दिया, उसके लिए मैं ऋणी हूं। राजनीति से संन्यास लेना मेरा निजी निर्णय है। अरविंद, आप बहुत बड़े नेता हैं। पटपड़गंज के लोगों का विशेष धन्यवाद।”
हालांकि, ओझा के इस निर्णय को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ (Awadh Ojha Quits Politics) भारती ने खुलकर असहमति जताई। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीति किसी “शॉर्ट टर्म प्रोजेक्ट” की तरह नहीं है। भारती के अनुसार, पार्टी ने ओझा को टिकट देकर भरोसा जताया था, जबकि इलाके में कई कार्यकर्ता लंबे समय से मेहनत कर रहे थे और टिकट के दावेदार भी थे।
सोमनाथ भारती ने लिखा,
“राजनीति कोई छोटा प्रोजेक्ट नहीं। आप जैसे अनुभवी व्यक्ति को इसमें आने से पहले विकल्पों पर गहराई से विचार करना चाहिए था।”
उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी सामान्य लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी जरूरतों पर सबसे अधिक ध्यान देती है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने के लिए निरंतर मेहनत की जरूरत है।
अवध ओझा के संन्यास के फैसले ने पार्टी के भीतर हलचल तो पैदा की ही है, साथ ही राजनीतिक (Awadh Ojha Quits Politics) चर्चा भी तेज कर दी है कि केवल एक चुनाव के बाद उनका पीछे हटना क्या बड़े संकेत है या व्यक्तिगत प्राथमिकताओं का परिणाम।
