सीजी भास्कर 9 दिसम्बर Kharge attacks BJP : राज्यसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई, माहौल तुरंत राजनीतिक गर्मी में बदल गया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “जो लोग वंदे मातरम् का महत्व नहीं समझते, वही इसे चुनाव से जोड़कर देखते हैं,”—और उनके इस बयान के बाद पूरा विपक्ष सतर्क हो गया।
खरगे का पलटवार—‘जो कल तक नहीं बोलते थे, वही आज चिंतित’
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी स्पीच की शुरुआत खुद वंदे मातरम् बोलकर की। उन्होंने कहा कि “60 साल से यह गीत गाता आया हूं, जिन्होंने कभी नहीं कहा वे आज अचानक इसे लेकर बेचैन हैं।”
खरगे ने बंकिमचंद्र को नमन करते हुए कहा कि इस पूरे मुद्दे को जरूरत से ज्यादा राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
देशभक्ति पर सीधा वार—‘मुस्लिम लीग के साथ सरकार बनाई थी’
खरगे ने बिना घुमाए बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “देशभक्ति की बात वही लोग कर रहे हैं, जिन्होंने बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तब यह देशभक्ति कहां गई थी?”
उनका यह बयान सदन के भीतर कुछ देर तक तीखी प्रतिक्रिया लेकर आया, लेकिन विपक्ष शांत बैठने के मूड में नहीं था।
‘असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है’—खरगे का आरोप
खरगे ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और गिरते रुपये जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए वंदे मातरम् को बीच में लाया गया है।
उन्होंने कहा, “जब एक डॉलर 90 रुपये पर पहुंच चुका है, तब देश को असली समस्याओं पर जवाब चाहिए, न कि मुद्दों को मोड़ने की कोशिश।”
पीएम पर भी निशाना—‘1937 की बातें उठाते हैं, लेकिन अपने इतिहास पर खामोश’
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेहरू पर मूल वंदे मातरम् की पंक्तियां हटाने का जो आरोप लगाया, वह इतिहास की आड़ में भ्रम फैलाने जैसा है।
उन्होंने कहा, “आप 1937 की बात करते हैं… लेकिन जब आपके नेताओं ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सत्ता में हिस्सेदारी ली थी, तब आपकी राष्ट्रभक्ति कहां थी? श्यामा प्रसाद मुखर्जी उन दिनों किसके साथ सरकार बना रहे थे?”
चीन–पाकिस्तान पर भी बोले—‘एक शब्द तक नहीं बोला गया’
अपने भाषण के अंत में खरगे ने विदेश नीति पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “आज दशकों बाद ऐसा समय है जब पाकिस्तान फिर बांग्लादेश के करीब जा रहा है, और चीन अरुणाचल पर दावा कर रहा है। एक भारतीय महिला को चीन में 18 घंटे रोककर रखा गया, लेकिन सरकार की तरफ से एक शब्द तक नहीं आया।”


