सीजी भास्कर, 10 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की नई दिल्ली में 14 दिसंबर को प्रस्तावित ‘वोट चोर–गद्दी छोड़’ महारैली में छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में नेता एवं कार्यकर्ता शामिल होने की तैयारी में हैं (Congress Delhi MahaRally Participation)। कांग्रेस कमेटी ने सभी जिलों से प्रतिनिधियों की सूची तैयार कर ली है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिल्ली पहुंचने के लिए बस, ट्रेन और चारपहिया वाहनों की व्यवस्था जिला स्तर पर की जा रही है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि चूंकि दिल्ली और केंद्र में भाजपा सरकार है, इसीलिए आशंका है कि कार्यकर्ताओं को रैली स्थल तक पहुंचने में बाधाएं खड़ी की जा सकती हैं। इसी वजह से कई जिलों ने वैकल्पिक यात्रा रूट व बैकअप ट्रांसपोर्ट प्लान भी तैयार कर लिया है। महारैली रामलीला मैदान में आयोजित होगी।
कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हालिया चुनावों में मतदाता सूची में भारी अनियमितताओं के प्रमाण पेश किए हैं, जिससे लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा हुआ है। पार्टी का दावा है कि महारैली का उद्देश्य इन गड़बड़ियों को राष्ट्रीय मंच पर उजागर करना,
चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता की मांग उठाना और केंद्र सरकार को जवाबदेह बनाना है (Congress Delhi MahaRally Participation)। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं, प्रकोष्ठ प्रमुखों, ब्लॉक–जिला स्तर के पदाधिकारियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं को अधिकतम संख्या में रैली में भाग लेने के निर्देश जारी किए हैं।
जिला अध्यक्षों का शक्ति प्रदर्शन
हाल ही में संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव करते हुए रायपुर समेत 25 जिला अध्यक्ष बदले गए और 16 को पुनः जिम्मेदारी दी गई। नवनियुक्त जिलाध्यक्ष इस रैली में पहला शक्ति प्रदर्शन दिखाने की तैयारी में हैं। वे बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर अधिक संख्या में दिल्ली ले जाने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह रैली संगठन की ताकत, अनुशासन और संयुक्त नेतृत्व का प्रत्यक्ष प्रदर्शन होगी (Congress Delhi MahaRally Participation)।
महारैली के बाद जिलाध्यक्षों का प्रशिक्षण
महारैली समाप्त होने के बाद जिलाध्यक्षों को दिल्ली में नेतृत्व एवं संगठन प्रबंधन प्रशिक्षण देने की योजना है। संभावित रूप से यह प्रशिक्षण शिविर छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान के जिलाध्यक्षों के लिए संयुक्त रूप में आयोजित होगा।
10 दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण सत्र में —
- संगठन संचालन
- चुनाव प्रबंधन
- बूथ माइक्रो स्ट्रैटेजी
- जनसंपर्क और कैंपेन डिज़ाइन
जैसे विषय शामिल रहेंगे। तिथि तय नहीं हुई है, लेकिन रैली के तुरंत बाद बुलावा आने की संभावना है।


