सीजी भास्कर, 16 दिसंबर। Bhilai Kurud Road Issue : भिलाई नगर क्षेत्र की कुरूद सड़क का मामला मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा। शीतकालीन सत्र के दौरान वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने कुरूद साईं मंदिर मार्ग पर किए गए डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया।
विधायक ने स्पष्ट किया कि सड़क निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी हुई है, जिससे स्थानीय नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सदन में सरकार का पक्ष, उप मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
लोक निर्माण विभाग का प्रभार संभाल रहे उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सदन में जवाब देते हुए स्वीकार किया कि प्रारंभिक स्तर पर ठेकेदार द्वारा किया गया कार्य संतोषजनक नहीं था।
उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद ठेकेदार को नोटिस जारी किए गए और सुधार कार्य कराया गया। यह मामला Chhattisgarh Assembly Question के तहत दर्ज किया गया था।
कुरूद सड़क के डामरीकरण पर विस्तार से चर्चा : Bhilai Kurud Road Issue
विधायक रिकेश सेन ने सदन को बताया कि ढांचा भवन कुरूद से शासकीय प्राथमिक शाला, साईं मंदिर होते हुए 80 एलआईजी तक कराए गए सड़क डामरीकरण की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठे हैं।
उन्होंने पूछा कि शिकायत के बाद अब तक क्या ठोस कार्रवाई की गई है और सड़क को टिकाऊ बनाने के लिए आगे क्या योजना है?

SDBC Road Work को लेकर सरकार की स्पष्टता
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी कि सड़क पर सेमी डेंस बिटुमिनस कंक्रीट (SDBC) की ऊपरी परत का कार्य बारिश के कारण अस्थायी रूप से रुका था।
अब मौसम अनुकूल होने पर SDBC Road Work शीघ्र शुरू किया जाएगा, जिससे सड़क की मजबूती और आयु दोनों बढ़ेंगी।

ठेकेदार को नोटिस, गुणवत्ता की कराई गई जांच
लोक निर्माण विभाग के अनुसार गुणवत्ता संबंधी शिकायत मिलने पर ठेकेदार को तीन बार नोटिस जारी किए गए। सुधार कार्य के बाद सड़क की गुणवत्ता की जांच शासकीय लोक निर्माण विभाग की केन्द्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, दुर्ग परिक्षेत्र से कराई गई।
जांच रिपोर्ट में निर्माण कार्य को मानक के अनुरूप पाया गया है, जो Quality Road Construction की श्रेणी में आता है।

Bhilai Kurud Road Issue : स्थानीय लोगों को मिला भरोसा
विधायक रिकेश सेन ने क्षेत्रवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि कुरूद सड़क पर SDBC की अंतिम परत का कार्य जल्द शुरू होगा। इससे सड़क अधिक मजबूत, सुरक्षित और लंबे समय तक टिकाऊ बनेगी। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े मामलों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।



