सीजी भास्कर, 18 दिसंबर। प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में प्रदेश के 2 करोड़ 12 लाख से अधिक मतदाताओं (Voter List Update) में से लगभग 27 लाख 50 हजार 822 नाम (Voter List, मतदाता सूची, नाम कटना) हटाए जाने की तैयारी है। यानी लगभग हर आठवां मतदाता (Voter, मतदाता सूची, नाम कटना) मतदाता सूची से बाहर हो सकता है। प्रदेश में नाम कटने के पीछे कारण भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं।
नाम कटने की मुख्य वजह केवल मृत्यु नहीं है, बल्कि शहर के भीतर और बाहर तेजी से हुआ माइग्रेशन और बड़ी संख्या में मतदाताओं का सत्यापन के दौरान अनुपस्थित रहना (Voter List, माइग्रेशन, अनुपस्थिति) है। सत्यापन में पता चला कि 6,40,115 मतदाताओं की मृत्यु हो गई है, इनके नाम मतदाता सूची से काटे जा चुके हैं।
वहीं, 14,26,212 मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं, 1,71,212 मतदाता डुप्लीकेट, 4,98,291 मतदाताओं का पता ही नहीं चल पाया है। ये मतदाता अपने पते पर नहीं मिले। ना ही इनके बारे में किसी प्रकार की ठोस जानकारी मिल पाई है। वहीं, अन्य में 14,992 मतदाता हैं जिनके नाम काटे गए हैं।
(Voter List Update) सबसे ज्यादा असर राजधानी में
सबसे ज्यादा असर राजधानी (Raipur, राजधानी, मतदाता सूची) में दिखाई दे रहा है। रायपुर जिले के 18 लाख 92 हजार 523 मतदाताओं में से 4 लाख 94 हजार 485 नाम (Voter List, नाम कटना, मतदाता सूची) कटने की आशंका है। यानी लगभग हर चौथा मतदाता (Voter, मतदाता सूची, नाम कटना) सूची से बाहर हो सकता है।
79,405 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। 2,88,222 मतदाता दूसरे स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं। 1,291 नाम डुप्लीकेट पाए गए हैं। सबसे बड़ा आंकड़ा उन मतदाताओं का है, जिनका पता ही नहीं चल पाया। ऐसे 1,12,109 मतदाता अपने दर्ज पते पर नहीं मिले। अन्य श्रेणी में 2,658 मतदाता शामिल हैं।
23 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाश
निर्वाचन विभाग के मुताबिक 23 दिसंबर (Final List, मतदाता सूची, प्रकाशन) को मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन से पहले आंकड़ों में मामूली फेरबदल संभव है, लेकिन नाम कटने की संख्या में बड़ा अंतर आने की संभावना बेहद कम है। यही वजह है कि एसआइआर को लेकर राजधानी (Raipur, राजधानी, मतदाता सूची) में बेचैनी बढ़ती जा रही है।
डिजिटलाइजेशन 100 प्रतिशत, फिर भी फार्म अधूरे
प्रशासन का दावा है कि प्रदेश में 100 फीसदी डिजिटलाइजेशन (Digitalization, Voter List, प्रपत्र) पूरा हो चुका है, लेकिन जमीनी सच यह है कि कई मतदाताओं के गणना प्रपत्र अब तक वापस नहीं आए। जबकि समयसीमा खत्म होने में गिनती के दिन बचे हैं। यही स्थिति आगे चलकर दावा-आपत्ति (Objection, Voter List, आवेदन) के तूफान का कारण बन सकती है।
ऐसे हो रही प्रक्रिया
23 दिसंबर 2025: प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन (Voter List, प्रकाशन, प्रारंभिक)
23 दिसंबर से 22 जनवरी: दावा-आपत्ति (Objection, आवेदन, Voter List)
14 फरवरी 2026 तक: नोटिस और सुनवाई (Notice, सुनवाई, Voter List)
21 फरवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची (Final List, Voter List, प्रकाशन)
फैक्ट फाइल
मौत, माइग्रेशन और ‘गायब’ वोटर
6.40 लाख मतदाता मृत (Voter, मृत, नाम कटना)
14.26 लाख वोटर दूसरे शहरों या जिलों में शिफ्ट (Migration, Voter, नाम कटना)
1.71 लाख नाम डुप्लीकेट निकले (Duplicate, Voter, मतदाता सूची)


