सीजी भास्कर, 19 दिसंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रायपुर जोनल कार्यालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (Chhattisgarh Liquor Scam) मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) को 16 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार किया। सौम्या को ED की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। इससे पहले वे दो दिन की ED रिमांड पर थीं, जो समाप्त होने पर आज शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह कार्रवाई एसीबी/ईओडब्ल्यू, रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की है। यह मामला भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत पंजीबद्ध है। जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (Chhattisgarh Liquor Scam) राज्य को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने वाला संगठित अपराध था। इसमें लगभग 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime – POC) उत्पन्न की गई और इसे सुनियोजित तरीके से कई लाभार्थियों तक पहुंचाया गया।
ईडी (ED) की जांच में यह भी सामने आया कि सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) ने इस घोटाले से करीब 115.5 करोड़ रुपये की अवैध राशि (Illegal Money) प्राप्त की। डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त दस्तावेज और लिखित बयानों से यह स्पष्ट हुआ कि वे शराब सिंडिकेट की सक्रिय सहयोगी थीं।
जांच में यह भी पाया गया कि सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) सिंडिकेट की केंद्रीय समन्वयक थीं और अनिल टुटेजा व चैतन्य बघेल के बीच मध्यस्थ बनकर अवैध धन (Money Laundering) के सृजन और वितरण में सक्रिय थीं। बरामद चैट्स से यह भी उजागर हुआ कि सिंडिकेट की स्थापना में उनकी प्रमुख भागीदारी रही, जिसमें आबकारी विभाग में प्रभावशाली पदस्थापन से जुड़ी गतिविधियां शामिल थीं।
इससे पहले इस मामले में कई वरिष्ठ अधिकारी, कारोबारी और राजनीतिक हस्तियां गिरफ्तार हो चुकी हैं। ED (प्रवर्तन निदेशालय) का कहना है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (Chhattisgarh Liquor Scam) मामले की जांच लगातार जारी है और आगे की कार्रवाई की संभावना बनी हुई है। सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) की गिरफ्तारी ने इस घोटाले की जांच को नया मोड़ दिया है और यह दर्शाता है कि ED (ED) राज्य में भ्रष्टाचार और अवैध धन के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है।


