सीजी भास्कर 28 नवंबर Aadhaar DOB invalid rule : सरकारी विभागों में बड़ा बदलाव, अब जन्मतिथि के लिए आधार कार्ड अस्वीकृत
Aadhaar DOB invalid rule : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने आधार कार्ड को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अब किसी भी सरकारी कार्यालय में आधार कार्ड को जन्म तिथि के विश्वसनीय प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह आदेश सीधे सभी विभागाध्यक्षों, प्रमुख सचिवों और मंडल स्तर के अधिकारियों को भेजा गया है, ताकि नियुक्ति, प्रमोशन, पेंशन और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में एकरूपता बनी रहे।
Aadhaar DOB invalid rule : UIDAI की रिपोर्ट के बाद आया बड़ा फैसला, आधार की ‘DOB’ हुई अमान्य
यह निर्णय उस आधिकारिक पत्र के बाद लिया गया है जिसे UIDAI ने 31 अक्टूबर 2025 को जारी किया था। पत्र में साफ कहा गया था कि आधार कार्ड में दर्ज जन्म तिथि ज्यादातर मामलों में declared/approximate होती है, और इसे जन्मतिथि का authentic proof (Authentic DOB proof) नहीं माना जा सकता। इसलिए राज्यों को सलाह दी गई थी कि आधार को केवल पहचान और पते की पुष्टि के लिए ही उपयोग में लाया जाए।
अब कौन से दस्तावेज होंगे जन्म तिथि के मान्य प्रमाण?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जन्म तिथि की आधिकारिक पुष्टि अब केवल कुछ ही दस्तावेजों से मानी जाएगी। इनमें शामिल हैं—
- हाई स्कूल या समकक्ष परीक्षा की अंकतालिका/प्रमाणपत्र
- नगर निगम या ग्राम पंचायत द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवा पुस्तिका (Service Book)
इनके अलावा किसी अन्य डॉक्यूमेंट को वैध नहीं माना जाएगा। इसका मतलब है कि Aadhaar DOB invalid rule अब सभी सरकारी सिस्टम में लागू माना जाएगा।
Aadhaar DOB invalid rule : ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगी चुनौती, लेकिन सरकार ने बताई वजह
यह फैसला उन लाखों युवाओं और कर्मचारियों को प्रभावित करेगा जो अब तक आधार को जन्म तिथि प्रमाण की तरह संलग्न करते आए थे। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया कठिन और समय लेने वाली है, वहाँ अतिरिक्त परेशानी देखने को मिल सकती है।
हालाँकि, सरकार का कहना है कि यह कदम दस्तावेजों की प्रामाणिकता बनाए रखने और संभावित धोखाधड़ी को रोकने के लिए जरूरी था।
नियुक्ति से पेंशन तक—हर प्रक्रिया में आएगा बदलाव
इस नए निर्देश के बाद भर्ती बोर्ड से लेकर पेंशन कार्यालयों तक सभी विभागों को अपनी फाइलिंग प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। किसी भी उम्र-संबंधित विवाद, सेवा पुस्तिका संशोधन और पेंशन निर्धारण के दौरान आधार कार्ड को अब संदर्भित नहीं किया जा सकेगा।
नियम लागू होने के साथ ही विभागों को यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी आवेदन के साथ आधार कार्ड को जन्म तिथि प्रमाण के रूप में न जोड़ा जाए।
