सीजी भास्कर, 08 अप्रैल : राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन (Accident Raipur Railway Station) के प्लेटफार्म 5-6 के बीच अचानक एक बैट्री कार पलट गई, जिससे उसमें बैठे बुजुर्ग घायल हो गए। वे प्लेटफार्म पर लहूलुहान पड़े रहे, और एक महिला बुजुर्ग बेहोश हो गईं।
कुछ यात्रियों ने उनकी मदद की और उन्हें हवा देकर होश में लाने की कोशिश की। इसी बीच, सारनाथ एक्सप्रेस के आगमन पर अन्य यात्री वहां से चले गए। इस दौरान, स्टेशन के कर्मचारी घायल बुजुर्गों को फर्स्ट एड बॉक्स से मलहम और पट्टी करने में व्यस्त रहे।
राजधानी के रेलवे स्टेशन (Accident Raipur Railway Station) पर किसी भी घटना के घटित होने पर व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। हर दिन लगभग 50,000 यात्री यहां आते-जाते हैं, और 115 ट्रेनों की आवाजाही में बुजुर्ग यात्रियों की संख्या भी कम नहीं होती।
इतने बड़े स्टेशन पर कब और किस प्रकार की घटना हो जाए, इसका कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। कई घटनाओं के बाद रेलवे प्रशासन ने निर्णय लिया था कि अब 108 एंबुलेंस का संचालन रेलवे स्टेशन से किया जाएगा।
इसके लिए वीआईपी गेट के पास एक स्टैंड भी निर्धारित किया गया था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि उस एंबुलेंस का कोई अता-पता नहीं है। ऐसी लापरवाही हजारों यात्रियों के साथ अन्याय है, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुछ महीने पहले, पत्रिका ने इस विषय पर एक खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद कुछ समय के लिए एंबुलेंस को स्टेशन पर रखा गया था।
सूचना मिलने पर स्टेशन प्रबंधन सक्रिय हुआ
स्टेशन (Accident Raipur Railway Station) प्रबंधन अमर फुटाने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और घायल बुजुर्ग यात्रियों के उपचार की व्यवस्था करने लगे। फर्स्ट एड बॉक्स से दवा दी गई और मलहम लगाया गया, लेकिन खून बहना बंद नहीं हो रहा था। बैट्री कार का संचालन नेहरूलाल यादव कर रहे थे, और बताया गया कि अचानक बैट्री कार की स्टेयरिंग फेल हो गई थी, जिसके कारण यह घटना हुई।
स्टेशन प्रबंधन ने फिर से भेजा पत्र (Accident Raipur Railway Station)
इससे पहले जब स्टेशन पर कोई बड़ी घटना हुई थी, तब रेलवे प्रशासन ने 108 एंबुलेंस की व्यवस्था की थी। कुछ दिनों बाद, एंबुलेंस स्टाफ ने दोपहर के भोजन और थोड़े विश्राम के लिए रेलवे प्रशासन से एक रिटायरिंग रूम की मांग की, लेकिन यह सुविधा नहीं मिलने पर उन्होंने आना बंद कर दिया। अब, स्टेशन प्रबंधन ने एक बार फिर 108 एंबुलेंस संचालन समिति को पत्र भेजा है, क्योंकि यह सुविधा भारत सरकार के अंतर्गत आती है।