सीजी भास्कर, 08 अक्टूबर। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल (Agristack Portal Registration) पर पंजीयन अनिवार्य कर दिया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निर्देशानुसार, जिन किसानों ने अब तक पंजीयन नहीं कराया है, वे 31 अक्टूबर 2025 तक यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए किसान टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क कर सकते हैं।
क्या है एग्रीस्टैक पोर्टल
एग्रीस्टैक पोर्टल, भारत सरकार द्वारा विकसित एक एकीकृत कृषि डेटा प्लेटफॉर्म (Agristack Portal Registration) है।
इसमें किसानों की भूमि, फसल और पहचान संबंधी जानकारी आधार से लिंक कर पंजीकृत की जाती है।
पंजीकरण के बाद किसानों को एक Unique Farmer ID जारी की जाती है, जो भविष्य में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ पात्र किसानों तक सीधे पहुंचाने (Agristack Portal Registration) में मदद करेगी।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया पहले से ही डिजिटल माध्यम से संचालित है, और अब एग्रीस्टैक पोर्टल के जरिए इसे और अधिक पारदर्शी, सटीक और जवाबदेह बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।
किसानों को मिलेगा सीधे भुगतान का लाभ
राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का भुगतान किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में किया जाता है।
इस व्यवस्था में एग्रीस्टैक पोर्टल का पंजीयन अनिवार्य करने से लाभार्थी किसानों की पहचान और भुगतान दोनों ही स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
ई-केवाईसी आधारित इस प्रक्रिया से फर्जी पंजीकरण की संभावना समाप्त हो जाएगी और केवल वास्तविक (Agristack Portal Registration) किसानों को ही लाभ प्राप्त होगा।
अब तक 21.47 लाख किसानों ने कराया पंजीयन
गत वर्ष राज्य में 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था।
वर्तमान खरीफ वर्ष में अब तक 21.47 लाख किसान एग्रीस्टैक पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
शेष किसानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित पंजीयन केंद्र में जाकर समय सीमा से पहले रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें।
इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों और समितियों को आवश्यक दिशा-निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं।
डिजिटल क्रॉप सर्वे से जुड़े डेटा का मिलान जारी
राज्य के लगभग 20 हजार ग्रामों में से 13 हजार 879 ग्रामों में इस वर्ष डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरा किया जा चुका है।
इन रिपोर्टों और मैनुअल गिरदावरी के आंकड़ों का मिलान 2 से 14 अक्टूबर तक ग्राम सभाओं में किया जा रहा है।
सर्वे की सूची पंचायत भवनों में चस्पा (Display) कर दी गई है ताकि सभी किसान अपनी जानकारी (Agristack Portal Registration) सत्यापित कर सकें।
निगरानी और पारदर्शिता की पहल
धान खरीदी और पंजीयन प्रक्रिया की सतत निगरानी जिला कलेक्टरों, खाद्य अधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है। राज्य सरकार का मानना है कि यह पहल “Digital Agriculture और Good Governance” की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, जो किसानों को तकनीक आधारित सशक्तिकरण और सुरक्षित भुगतान व्यवस्था प्रदान करेगी।