सीजी भास्कर, 15 जून। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Air India Plane Accident) ने 12 जून को हादसे का शिकार हुई अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट बोइंग ड्रीम लाइनर एआइ-171 के हादसे की जांच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
समिति न केवल एआइ-171 विमान हादसे की जांच करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें भी करेगी।
इसके साथ ही, यह समिति घरेलू विमानन कंपनियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी निर्धारित करेगी, जिसके आधार पर भारत सरकार एक लिखित निर्देश जारी करेगी।
यह निर्देश भारतीय उड्डयन क्षेत्र को सुरक्षित बनाने का एक रोडमैप होगा। बता दें कि अहमदाबाद में हुए इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों समेत कुल 270 लोगों की जान गई थी।
शुक्रवार देर रात को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Air India Plane Accident) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली यह उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति विमान दुर्घटना के कारणों की गहन जांच करेगी।
समिति में नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा, गृह मंत्रालय के अतिरिक्त/संयुक्त सचिव, गुजरात सरकार के गृह विभाग और राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण के प्रतिनिधि शामिल है।
इसके अलावा अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त, भारतीय वायुसेना के महानिरीक्षक (निरीक्षण और सुरक्षा), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक, विमानन महानिदेशालय के महानिदेशक, खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक, और भारत सरकार के फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक शामिल होंगे।
इसके अलावा विमानन विशेषज्ञों, दुर्घटना के जांचकर्ताओं और कानूनी सलाहकारों को भी समिति में शामिल किया जा सकता है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा- “समिति का गठन दीर्घकालिक उद्देश्यों से किया गया है। उच्चस्तरीय समिति की जांच मंत्रालय की एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) द्वारा की जाने वाली जांच से अलग होगी।
यह मौजूदा एसओपी और दिशा-निर्देशों की समीक्षा करेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनके प्रबंधन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकें।" मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह समिति अन्य जांचों का विकल्प नहीं होगी, बल्कि इसका ध्यान नीतिगत सुधारों और सुरक्षा प्रोटोकाल को मजबूत करने पर होगा।
समिति (Air India Plane Accident) को 13 सितंबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि समिति का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के मूल कारणों जैसे यांत्रिक खराबी, मानवीय त्रुटि, मौसम की स्थिति, नियामक अनुपालन और अन्य कारकों की जांच करना है।
समिति की रिपोर्ट विमानन कंपनियों के लिए नए प्रशिक्षण माड्यूल, रखरखाव प्रक्रियाओं में सुधार और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत बनाने में सहायक हो।
ब्रिटेन और अमेरिका की जांच टीमें भी अहमदाबाद पहुंचीं (Air India Plane Accident)
एआइ-171 विमान हादसे (Air India Plane Accident) की जांच पहले दिन (12 जून) को ही एएआइबी द्वारा शुरू कर दी गई थी।
नागरिक विमानन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया -“एएआइबी ने गुजरात राज्य प्रशासन के साथ मिलकर हादसे के कुछ ही घंटों बाद ही दुर्घटना स्थल को जांच के लिए सुरक्षित कर दिया है। 13 जून को शाम ब्लैक बाक्स (Black Box) भी मिल गया है। दुर्घटना की जड़ तक जाना जरूरी है और यह काम किया जा रहा है।
इसके लिए सभी एजेंसियों के बीच सहयोग भी बढ़िया है।" सरकार की तरफ से की जा रही जांच के अलावा एअर इंडिया और दुर्घटनाग्रस्त विमान ड्रीमलाइनर को बनाने वाली बोइंग की तरफ से भी अपनी जांच टीम भेजी गई है।
इसके अलावा, ब्रिटेन और अमेरिका की एविएशन जांच से जुड़ी सरकार की टीमें भी अहमदाबाद पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य तौर पर किसी भी विमान हादसे की जांच में एक वर्ष से दो वर्ष का समय लग जाता है।