23 मई 2025 :
Power Strike In UP: पूर्वांचल और दक्षिणांचल के 42 जिलों में बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने 29 मई से हड़ताल की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार तुरंत हरकत में आ गई है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को सभी संबंधित जिलों के डीएम और बिजली अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक आपातकालीन बैठक की. इस बैठक में उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि किसी भी हाल में बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं होनी चाहिए.
मुख्य सचिव ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी दी कि वे हड़ताल पर न जाएं, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि निजीकरण की प्रक्रिया से किसी भी कर्मचारी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही, सरकार ने स्पष्ट किया कि बिजली आपूर्ति एक आवश्यक सेवा है और इसे बाधित करना गैरकानूनी है.
कर्मचारी संगठन अड़े
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि निजीकरण से उनकी नौकरी और सुविधाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. उनकी मांगों में निजीकरण की प्रक्रिया को रोकना, वेतन वृद्धि और बेहतर कार्यस्थितियां शामिल हैं. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
वैकल्पिक इंतजाम शुरू
दूसरी ओर, सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक इंतजाम शुरू कर दिए हैं. निजी ठेकेदारों और अन्य संसाधनों की मदद से बिजली आपूर्ति को सुचारु रखने की कोशिश की जा रही है. मुख्य सचिव ने डीएम को निर्देश दिए कि वे स्थानीय स्तर पर स्थिति की निगरानी करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें.
बढ़ सकती हैं परेशानियां
हड़ताल की घोषणा से जनता में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि बिजली की कमी से दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही बिजली आपूर्ति की समस्याएं हैं. सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच चल रहे इस तनाव को जल्द सुलझाने की जरूरत है, ताकि आम लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े.