सीजी भास्कर 3 नवम्बर Bihar Polls 2025 बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Elections) अपने चरम पर हैं और हर राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक चुका है। लेकिन सीमांचल की किशनगंज सीट (Kishanganj Assembly Seat) ऐसी है जहां बीजेपी अब तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर पार्टी ने एक बार फिर स्वीटी सिंह (Sweety Singh) पर भरोसा जताया है, जो लगातार पांचवीं बार चुनाव मैदान में हैं।
किशनगंज सीट पर BJP की न हार मानने वाली रणनीति
किशनगंज जिले में कुल चार विधानसभा सीटें हैं, जिनमें किशनगंज सबसे चर्चित मानी जाती है। यहां की करीब 60% मुस्लिम आबादी राजनीतिक समीकरणों को तय करती है। 1967 से अब तक यहां पर हर बार मुस्लिम प्रत्याशी ही जीत दर्ज करता आया है। बीजेपी ने कई बार कोशिश की लेकिन अभी तक खाता नहीं खोल पाई। वहीं महागठबंधन का प्रभाव यहां इतना मजबूत है कि पिछले चुनाव में एनडीए को चार में से कोई सीट नहीं मिली थी।
कांग्रेस और AIMIM का दबदबा, BJP की चुनौतियां बरकरार
2020 के चुनाव में कांग्रेस के इजहारूल हुसैन ने जीत दर्ज की, जबकि AIMIM के कमहरूल होदा तीसरे स्थान पर रहे। इससे पहले 2010 और 2015 में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद विजयी रहे थे। हालांकि बीजेपी ने तब भी स्वीटी सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा था। 2010 में वे केवल 264 वोटों से हार गई थीं। यह हार बेहद मामूली अंतर से हुई थी, जो बताती है कि पार्टी का वोट बैंक धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है।
लगातार चार हार के बावजूद BJP का स्वीटी पर भरोसा बरकरार
स्वीटी सिंह (Sweety Singh) राजपूत बिरादरी से हैं और बीजेपी के पूर्व विधायक सिकंदर सिंह की पत्नी हैं। 2010, 2015, 2019 (उपचुनाव) और 2020—इन चारों चुनावों में उन्होंने बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया और हर बार कड़ी टक्कर दी। 2020 के चुनाव में वे कांग्रेस उम्मीदवार से महज 1,381 मतों से पीछे रह गई थीं। बावजूद इसके पार्टी ने 2025 में भी उन पर भरोसा जताया है।
राजनीति में मजबूत पकड़, समाज में लोकप्रिय चेहरा
47 वर्षीय स्वीटी सिंह पेशे से वकील हैं और राजनीति में उनकी शुरुआत साल 2006 में हुई थी, जब वे जिला परिषद सदस्य बनीं। इसके बाद उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उनके पति सिकंदर सिंह 1995 में ठाकुरगंज सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। अब वही इतिहास दोहराने की कोशिश स्वीटी किशनगंज से करना चाहती हैं।
2025 में चतुष्कोणीय मुकाबले में दिलचस्प मोड़
इस बार किशनगंज सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक इजहारूल हुसैन का टिकट काटकर फिर से कमहरूल होदा को मैदान में उतारा है। AIMIM ने शम्स आगाज को उम्मीदवार बनाया है, जबकि इसहाक आलम जनसुराज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं और स्वीटी सिंह इस बार भी अकेली महिला उम्मीदवार हैं।
क्या इस बार खुल पाएगा BJP का खाता?
लगातार चार बार हारने के बावजूद स्वीटी सिंह का हौसला कम नहीं हुआ है। अब देखना यह होगा कि क्या 2025 में BJP (Bihar Polls 2025) अपने सूखे को खत्म कर पाएगी या किशनगंज सीट पर फिर इतिहास दोहराया जाएगा। यह मुकाबला पार्टी के लिए सिर्फ चुनावी संघर्ष नहीं बल्कि प्रतिष्ठा की जंग बन चुका है।
