सीजी भास्कर, 21 अप्रैल। Delhi Mayor Election: दिल्ली में मेयर का चुनाव होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जीत गई है।
दरअसल, 25 अप्रैल को दिल्ली में मेयर का चुनाव था, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) ने यह इलेक्शन न लड़ने का ऐलान किया, जिसके बाद बीजेपी को निर्विरोध जीत मिल गई है।
मेयर चुनाव के उम्मीदवार का नामांकन दाखिल करने के लिए सोमवार (21 अप्रैल) अंतिम दिन था, लेकिन इस दिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ऐलान कर दिया कि इस बार उनकी ओर से कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा।
एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने बीजेपी पर कई आरोप लगाए।
AAP ने BJP पर लगाए कई आरोप
आप नेताओं ने कहा कि बीजेपी ने पहले भी एमसीडी का चुनाव रुकवा दिया था. परिसीमन के दौरान वार्डों को इधर-उधर किया. आप का दावा है कि इसके चलते जबरदस्त गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया. इसके बावजूद BJP चुनाव हारी और AAP की सरकार बनी. इसके बाद भी MCD बैठकों में बीजेपी पार्षदों द्वारा खूब तमाशा किया गया, जिसके बाद आप ने फैसला लिया है कि इस बार मेयर चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
‘हारने के डर से बीजेपी ने नहीं होने दिए चुनाव’
प्रेस कांफ्रेंस में सौरभ भारद्वाज ने कहा, “दिल्ली में सत्ता को लेकर बीजेपी की डेस्पिरेशन कई सालों से देख रहे हैं. 9 मार्च साल 2022 को इलेक्शन कमीशन ने कहा कि शाम 5 बजे एमसीडी के चुनाव घोषित किए जाएंगे।
इस घोषणा से पहले केंद्र सरकार और उप राज्यपाल ने स्टेट इलेक्शन कमीशन की प्रेस कांफ्रेंस रुकवा दी कि अभी चुनाव मत करवाइए. बीजेपी ने परिसीमन करने का तय किया और 18 महीने बाद चुनाव कराएंगे. उस समय बीजेपी एमसीडी में बुरी तरह से हारने वाली थी क्योंकि लोग आप को वोट देने वाले थे. इसलिए इसे टाल दिया गया.”
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, “फिर 4 दिसंबर को चुनाव कराए गए. परिसीमन के दौरान एक-एक वार्ड को बीजेपी के लिए तैयार किया गया. जहां लोग बीजेपी के खिलाफ थे, उस वार्ड को निकालकर दूसरी जगह डाल दिया गया. हर विधानसभा में परिसीमन के दौरान आम आदमी पार्टी के सभी गढ़ मिलाकर एक वार्ड बना दिया गया, ताकि आप के सारे वोटर एक वार्ड में रहें. बीजेपी के वोटर्स के छोटे-छोटे वार्ड अलग-अलग कर दिए गए ताकि गिनती में बीजेपी के पास ज्यादा वार्ड के वोट आएं.”
आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि बीजेपी ने परिसीमन के रूप में भ्रष्ट काम किया और इसके बावजूद दिसंबर के चुनाव में AAP को 134 तो BJP को 104 सीटें मिलीं. उसके बाद स्टैंडिंग कमेटी और मेयर के चुनाव में बीजेपी ने बहुत कांड किए. आज मुख्यमंत्री बन गईं रेखा गुप्ता उस समय माइक तोड़ रही थीं. नारे लगाए जा रहे थे और मेयर पर अटैक किया गया।