रायपुर, 15 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों — सिम्स (SIMS) बिलासपुर, डीकेएस (DKS) रायपुर और डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल की व्यवस्था को लेकर लगातार निगरानी बनाए रखी है। 7 और 20 मई 2025 को पारित आदेशों के अनुसार तीनों अस्पतालों के डीन और अधीक्षकों ने शपथपत्र (Affidavit) प्रस्तुत कर व्यवस्थाओं और सुधारों की जानकारी दी है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि निगरानी प्रक्रिया जारी रहेगी और 18 अगस्त 2025 तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
SIMS बिलासपुर: ई-हॉस्पिटल सिस्टम और संक्रमण नियंत्रण पर फोकस
- अस्पताल में ई-हॉस्पिटल प्रणाली लागू कर दी गई है, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया डिजिटल और सरल हो गई है।
- मरीजों को मार्गदर्शन देने के लिए निर्देश बोर्ड लगाए गए हैं।
- संक्रमण नियंत्रण समिति को सशक्त करते हुए अस्पताल में WhatsApp निगरानी ग्रुप और नाइट विजिट सिस्टम शुरू किया गया है।
- मरीजों को दवाएं देने के लिए दवा वितरण केंद्र का विस्तार किया गया है और जीनो लैब की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
अंबेडकर अस्पताल रायपुर: परिजनों के लिए आवास और नई धर्मशाला का प्रस्ताव
- मरीजों के साथ एक परिजन को वार्ड में रुकने की को-पास सुविधा दी जा रही है।
- मुलाकात समय की जानकारी वार्डों में स्पष्ट रूप से नोटिस के रूप में चस्पा की गई है।
- आयुष्मति भवन में निःशुल्क आवास और बित्री बाई धर्मशाला में ₹100 प्रतिदिन पर भोजन एवं निवास की सुविधा मिल रही है।
- साथ ही, ₹12.82 करोड़ की लागत से नई धर्मशाला के निर्माण का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।
DKS अस्पताल: परिजनों के ठहरने की व्यवस्था और नए भवन का प्रस्ताव
- मरीजों के साथ एक परिजन को वार्ड में और एक को 6000 स्क्वेयर फीट के हॉल में ठहरने की सुविधा दी जा रही है।
- इस हॉल में कूलर, टॉयलेट, पीने का पानी और पंखे उपलब्ध हैं।
- ‘दाई कोरा’ भवन में 16 बेड की व्यवस्था की गई है और “नया मड़िया निवास भवन” के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
बच्चों की सुरक्षा पर हाई कोर्ट सख्त, दो मामलों में मुख्य सचिव से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में बच्चों की सुरक्षा को लेकर दो अलग-अलग मामलों में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की बेंच ने स्पष्ट किया कि भले ही ये घटनाएं सरकार की सीधी जिम्मेदारी न हों, लेकिन बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है।
पहली घटना: तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत
- भैंसतारा गांव (जांजगीर-चांपा) में चार स्कूली बच्चे तालाब में डूब गए।
- घटना के दिन बच्चे स्कूल से लौटने के बाद खेलने निकले थे और गहरे पानी में डूब गए।
- हाई कोर्ट ने घटना पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव से 29 जुलाई तक व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
दूसरी घटना: कांकेर में जान जोखिम में डाल स्कूल जाते हैं बच्चे
अदालत ने इसे संवेदनशील मामला मानते हुए तत्काल समाधान की आवश्यकता जताई।
केसलपारा गांव, कांकेर में मिडिल स्कूल जाने वाले बच्चों को गहरे नाले से होकर रोज़ाना स्कूल जाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने कई बार पुल निर्माण की मांग की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।