सीजी भास्कर 13 नवम्बर चारधाम यात्रा (Chardham Helicopter) में हालिया हादसे ने एक बार फिर हेलीकॉप्टर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में सामने आया है कि हादसे वाले दिन बिजली आपूर्ति बाधित थी, जिसके कारण पायलट तक मौसम का अपडेट नहीं पहुंच पाया। रिपोर्ट के मुताबिक, केदारनाथ हेलीपैड पर मौजूद कंप्यूटर सिस्टम लगभग चार घंटे तक बंद रहा, और किसी वैकल्पिक पावर बैकअप की व्यवस्था नहीं थी।
मौसम डेटा चार घंटे तक नहीं पहुंचा
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली गुल होने के कारण सुबह 8:54 से दोपहर 12:53 बजे तक मौसम संबंधी कोई डेटा (Weather Data) ट्रांसफर नहीं किया जा सका। इस दौरान ऑटोमैटिक मौसम मशीन (Automatic Weather System) पूरी तरह से निष्क्रिय हो गई। यह मशीन सामान्य दिनों में लाइव अपडेट देती है और उसका डेटा कंप्यूटर से जुड़ा रहता है। लेकिन बिजली कटने के बाद पूरा सिस्टम बंद हो गया।
SOP की कमी और सुरक्षा पर सवाल
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पायलट विजिबिलिटी (Visibility Check) की जानकारी अक्सर CCTV कैमरों के जरिए लेते हैं, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तय नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि मुश्किल मौसम में पायलटों को कई बार केवल अपने अनुभव पर निर्भर रहना पड़ता है। जांच एजेंसी ने इस व्यवस्था को जोखिमभरा बताया है।
चारधाम हेलीकॉप्टर सर्किट में सुधार की जरूरत
रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि चारधाम सर्किट (Chardham Helicopter Circuit) में मजबूत सुरक्षा तंत्र (Safety Mechanism) की तत्काल आवश्यकता है। एजेंसी ने सुझाव दिया है कि ऑपरेटर्स और स्थानीय प्रशासन के बीच एक निश्चित प्रोटोकॉल बनाया जाए, जिससे बिजली गुल होने या नेटवर्क फेल होने की स्थिति में भी मौसम संबंधी जानकारी रियल-टाइम (Real-time Update) में साझा की जा सके।
स्थानीय स्तर पर तकनीकी अपग्रेड की मांग
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना ने सिस्टम की कमजोरियों को उजागर किया है। बिजली और नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर सुरक्षा व्यवस्था को स्मार्ट बैकअप सिस्टम (Smart Backup System) से लैस करना अब आवश्यक है। इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में Chardham Helicopter ऑपरेशन की सुरक्षा सिर्फ एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के जीवन से जुड़ा विषय है। बिजली की एक छोटी सी बाधा से हुए इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक यात्राओं में तकनीकी तत्परता (Technical Preparedness) कितनी जरूरी है।
