सीजी भास्कर, 20 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद मंत्रालय में प्रशासनिक फेरबदल की (Chhattisgarh Administrative Reshuffle) तैयारियां तेज़ हो गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार अब राज्योत्सव से पहले बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने जा रही है। कुछ वरिष्ठ अफसरों को नई जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी हैं, जबकि कई जिलों के कलेक्टर और एसपी की कुर्सी बदलने की पूरी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक यह बदलाव “फीडबैक आधारित” होगा, जो हाल ही में हुई कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के मूल्यांकन पर निर्भर करेगा।
राज्य के छोटे जिलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कलेक्टर्स को बड़े जिलों में मौका दिया जा सकता है। वहीं, जिन अफसरों का कार्यकाल तीन साल पूरा हो चुका है, उन्हें नई जगह ट्रांसफर किया जाएगा। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, यह प्रशासनिक बदलाव (Chhattisgarh Administrative Reshuffle) न सिर्फ नियमित प्रक्रिया है बल्कि सत्ता संतुलन और राजनीतिक संदेश देने की कवायद भी मानी जा रही है।
कई फैक्टर तय करेंगे ट्रांसफर की दिशा
फेरबदल की सूची तैयार करने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। इस बार एक-दो आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं, जबकि कुछ सीनियर अफसर दिल्ली से लौटकर नई भूमिका में दिखेंगे। सूत्र बताते हैं कि यह लिस्ट फाइनल करने से पहले मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की संयुक्त समीक्षा होगी। इसमें जिलेवार विकास, कानून-व्यवस्था और जननीति क्रियान्वयन की ग्राउंड रिपोर्ट को प्राथमिकता दी जाएगी।
ननकीराम इफेक्ट भी पड़ेगा असर
पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर का प्रभाव भी इस प्रशासनिक फेरबदल (Chhattisgarh Administrative Reshuffle) में देखने को मिलेगा। हाल ही में उन्होंने कोरबा कलेक्टर के खिलाफ खुला विरोध जताया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के दौरान कंवर को नजरबंद करना पड़ा था। बाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। पार्टी संगठन नहीं चाहता कि इस प्रकरण के बाद कोई प्रशासनिक असंतुलन दिखे, इसलिए कुछ संवेदनशील जिलों में बदलाव तय माना जा रहा है।
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस बनी अहम कसौटी
हाल ही में हुई कलेक्टर कॉन्फ्रेंस इस बदलाव की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और नए मुख्य सचिव ने इस बैठक में सभी जिलों की कार्यप्रणाली का विस्तृत मूल्यांकन किया था। कुछ कलेक्टरों की तारीफ हुई, जबकि कुछ को सरकार की नाराज़गी झेलनी पड़ी। इन फीडबैक रिपोर्ट्स के आधार पर ही प्रशासनिक फेरबदल तय किया जा रहा है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह सर्जरी राज्य में प्रशासनिक कुशलता बढ़ाने और जनता तक शासन की योजनाओं की गति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है।