छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भरत ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह Chhattisgarh AG Resignation राज्य की व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है। भरत ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल रमन डेका को सौंपते हुए पद छोड़ने का औपचारिक निर्णय दर्ज कराया।
इस्तीफे की पुष्टि, पर कारण का खुलासा नहीं
फोन पर बातचीत के दौरान प्रफुल्ल भरत ने इस्तीफे की पुष्टि तो की, लेकिन इसके पीछे की वजह बताने से साफ मना कर दिया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस्तीफा सौंपने की प्रक्रिया शांतिपूर्वक और औपचारिक तरीके से पूरी की गई।(Chhattisgarh AG Resignation)
पत्र में सरकार और अधिकारियों के प्रति जताया आभार
अपने त्यागपत्र में प्रफुल्ल भरत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूरे मंत्रिमंडल का धन्यवाद किया। उन्होंने राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों के सहयोग को भी याद किया और अपने कार्यकाल को पेशेवर रूप से संतोषजनक बताया। उनके अनुसार, राज्य की न्यायिक व्यवस्था में कार्य करना एक सम्मानजनक अवसर रहा।
2023 में हुई थी नियुक्ति—पहले भी संभाल चुके हैं बड़ा पद
प्रफुल्ल भरत को पिछले वर्ष जनवरी में राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था। इससे पहले भी वे 2014 से 2018 तक अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य कर चुके हैं, जब प्रदेश में दूसरी सरकार थी।
कानूनी क्षेत्र में उनकी सक्रियता और उनके अनुभव को देखते हुए उनका इस्तीफा प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
(Chhattisgarh AG Resignation)

जगदलपुर से शुरू हुई कानूनी यात्रा
भरत की पेशेवर यात्रा की शुरुआत जगदलपुर से हुई थी, जहां उन्होंने अपने करियर के शुरुआती वर्षों में ही खुद को एक सशक्त अधिवक्ता के रूप में स्थापित कर लिया था। इसके बाद वे धीरे-धीरे राज्य स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों तक पहुंचे।
अब आगे क्या? — नए महाधिवक्ता की तलाश शुरू
इस्तीफे के बाद अब राज्य सरकार नए महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया शुरू कर सकती है। कानूनी विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कुछ वरिष्ठ नामों पर अनौपचारिक स्तर पर चर्चा भी चल रही है।
इस पूरे घटनाक्रम को व्यापक रूप से Chhattisgarh AG Resignation के रूप में देखा जा रहा है, जो निकट भविष्य में राज्य की कानूनी संरचना में बदलाव की संभावना का संकेत देता है।
