बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या और उनसे हो रहे सड़क हादसों पर प्रशासन अब सख्त रवैया अपनाने लगा है। बिलासपुर जिले में हुई उच्चस्तरीय बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसपी रजनेश सिंह ने साफ निर्देश दिए कि अगर किसी सड़क दुर्घटना में मवेशी की वजह से जान-माल का नुकसान होता है, तो संबंधित पशु मालिक को जेल भेजा जाएगा और कानूनी कार्यवाही होगी।
SP का कड़ा फरमान
बिलासपुर के कुसंगी न्यायालय में लंबित जनहित याचिका की सुनवाई के मद्देनज़र जिले में आवारा मवेशियों को लेकर अधिकारियों की बैठक हुई। SP रजनेश सिंह ने निर्देश दिए:
- मवेशी से यदि सड़क हादसा होता है तो पशु मालिक को सह-आरोपी बनाया जाएगा।
- भारी जुर्माना भी लगेगा।
- सभी थाना और ट्रैफिक पुलिस टीम को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर का निर्देश: चिन्हित करें हॉटस्पॉट, हटाएं मवेशी
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि बरसात के मौसम में मवेशी सड़क पर बैठते हैं जिससे एक्सीडेंट की आशंका बढ़ती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा:
- उन इलाकों को चिन्हित करें जहां मवेशी अधिक संख्या में दिखाई देते हैं।
- वहां नियमित गश्त कर मवेशियों को हटाएं।
- पशु मालिकों को नोटिस दें और पशुओं की निगरानी सुनिश्चित करें।
बिलासपुर में बनेंगे पशु आश्रय स्थल
एक सर्वे के अनुसार बिलासपुर में 4,000 से ज्यादा मवेशी खुले में घूम रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों में आश्रय स्थल बनाने की योजना है:
- मोपका
- कोनी
- गोकुलधाम
- रहँगी
- धौराभांठा
- पाराघाट
- लावर
- काटाकोनी
इन स्थलों पर DMF फंड से शेड, पानी और चारे की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पशु कल्याण समिति और दानदाताओं से सहयोग मांगा गया है।
NHAI को भी निर्देश: मवेशियों से मुक्त हो राजमार्ग
कलेक्टर ने एनएचएआई (NHAI) को भी निर्देश दिया है कि हाईवे के किनारे जमीन आरक्षित करें, जहां अस्थायी रूप से मवेशियों को रोका जा सके ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
गौ अभ्यारण योजना का क्या हुआ?
- पूर्व सरकार की गौठान योजना अब बंद हो गई है।
- नई सरकार द्वारा घोषित “गौ अभ्यारण योजना” का भी अभी तक कोई ठोस क्रियान्वयन नहीं हुआ है।
- कांजी हाउस भी सीमित हैं और वहाँ भी अव्यवस्था फैली हुई है।
- ऐसे में हजारों मवेशी खुले में घूमने को मजबूर हैं, जो आम नागरिकों के लिए खतरा बन चुके हैं।
गौसेवा संगठन आगे आएं
गौरक्षा संगठनों से भी प्रशासन ने अपील की है कि वे सिर्फ गौ तस्करी का विरोध ही नहीं, बल्कि आवारा मवेशियों के संरक्षण में भी सक्रिय भूमिका निभाएं।