सीजी भास्कर, 30 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर इस वर्ष होने वाला राज्योत्सव (Chhattisgarh Rajyotsav 2025) पूरी तरह संस्कृति, कला और परंपरा को समर्पित रहेगा। नवा रायपुर में 1 से 5 नवंबर तक चलने वाले इस आयोजन में न केवल छत्तीसगढ़ के बल्कि देशभर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से मंच को जीवंत करेंगे। यह उत्सव राज्य की समृद्ध लोक परंपराओं, संगीत और नृत्य की विविधता को एक ही मंच पर प्रदर्शित करेगा।
आयोजन स्थल को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी थीम से सजाया जा रहा है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक के कलाकार यहां अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक हजार से अधिक स्थानीय कलाकार शैला नृत्य, पंथी नृत्य और राउत नाचा जैसी पारंपरिक प्रस्तुतियां देंगे। उद्घाटन समारोह में लोकप्रिय लोकगायिकाएं आरू साहू और निर्मला ठाकुर अपनी मधुर आवाज़ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।
राज्योत्सव के पहले दिन बॉलीवुड गायक हंसराज रघुवंशी, भूमि त्रिवेदी, आदित्य नारायण, अंकित तिवारी और कैलाश खेर (कैलासा बैंड) अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर करेंगे। इन कलाकारों की मौजूदगी से (Chhattisgarh Rajyotsav 2025) इस बार राष्ट्रीय स्तर का सांस्कृतिक आकर्षण बनेगा। हंसराज रघुवंशी का भजन “मेरा भोला है भंडारी” और कैलाश खेर का गीत “तेरी दीवानी” उद्घाटन कार्यक्रम की खास प्रस्तुति होगी।
इस बार का राज्योत्सव केवल मंचीय कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रहेगा। आयोजन स्थल पर ‘शिल्प ग्राम’ और ‘आदिवासी डिजिटल संग्रहालय’ की स्थापना की गई है। शिल्प ग्राम स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प कलाकारों को अपने हुनर का प्रदर्शन और बिक्री का अवसर देगा। वहीं डिजिटल संग्रहालय वर्चुअल रियलिटी तकनीक के माध्यम से जनजातीय नायकों की कहानियां और छत्तीसगढ़ की परंपराओं को प्रदर्शित करेगा। यह पहल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
राज्योत्सव के पहले दिन मंच संभालेंगे ये कलाकार
हंसराज रघुवंशी
हंसराज रघुवंशी हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के एक भारतीय गायक हैं, जिनका जन्म 18 जुलाई 1992 को हुआ था। वह मुख्य रूप से शिव भजन गाने के लिए जाने जाते हैं और उनके सुपरहिट गीत ‘मेरा भोला है भंडारी’ ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने अपनी शुरुआत कॉलेज की कैंटीन में काम करते हुए की और सोशल मीडिया पर अपने भजनों के ज़रिए प्रसिद्धि हासिल की। ‘गंगा किनारे’, ‘लागी लगन शंकरा’ और फिल्म ‘ओएमजी 2’ का गीत ‘ऊंची ऊंची वादियों में’ उनके प्रमुख गीत हैं।
दुष्यंत हरमुख
दुष्यंत हरमुख छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक कलाकार और बांसुरी वादक हैं। उन्होंने कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों जैसे ‘मया देदे मया लेले’ और ‘तोर मया के मारे’ में संगीत निर्देशन किया है। उन्हें पिछले वर्ष राज्योत्सव में खुमान साव सम्मान से सम्मानित किया गया था। वह अपनी सांस्कृतिक संस्था ‘रंग झरोखा’ का संचालन करते हैं और राज्य की लोकधुनों को सजीव बनाए हुए हैं।
डॉ. पीसी लाल यादव
डॉ. पीसी लाल यादव छत्तीसगढ़ में साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने लोक परंपराओं और पंडवानी पर शोध कार्य किया है। उनकी संस्था में करीब 20 लोक कलाकार जुड़े हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रचार करते हैं। उनका ‘पंडवानी पर शोध ग्रंथ’ और विलुप्त हो रही लोकगाथाओं का संग्रह राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
आरू साहू (ओजस्वी साहू)
गरडुला नगर की रहने वाली आरू साहू छत्तीसगढ़ की युवा लोक गायिका हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में छत्तीसगढ़ी लोकगीतों के साथ हिंदी गायन में भी पहचान बनाई। उनकी आवाज़ में परंपरा और आधुनिकता दोनों का समावेश है। वह कई बड़े मंचों पर प्रस्तुति दे चुकी हैं और इस बार राज्योत्सव में अपनी नई प्रस्तुति लेकर आ रही हैं।
नवा रायपुर में तैयारियों का माहौल उत्सवमय
नवा रायपुर में राज्योत्सव की तैयारियां तेज़ी पर हैं। सांस्कृतिक मंच, शिल्प ग्राम और डिजिटल संग्रहालय की सजावट लगभग पूरी हो चुकी है। प्रदेश के सभी जिलों से लोक कलाकार नवा रायपुर पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री, मंत्रीमंडल और वरिष्ठ अधिकारी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे। संस्कृति विभाग के अनुसार, इस वर्ष का (Chhattisgarh Rajyotsav 2025) “संस्कृति के रंग, छत्तीसगढ़ के संग” थीम पर आधारित रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह उत्सव प्रदेश की अस्मिता, परंपरा और गौरव का प्रतीक बनेगा, जहां हर जिले की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
