सीजी भास्कर, 3 नवंबर। छत्तीसगढ़ के रजत जयंती राज्योत्सव में पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व विभाग (Chhattisgarh Tourism) का स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। नवा रायपुर में आयोजित इस भव्य आयोजन में विभाग की प्रस्तुति ने न सिर्फ आगंतुकों का दिल जीता, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को एक नई पहचान दी है।
राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 1 से 5 नवंबर 2025 तक आयोजित इस राज्योत्सव में बड़ी संख्या में नागरिक, पर्यटक और विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। राज्य की समृद्ध संस्कृति, लोककला, परंपरा और पर्यटन स्थलों की जानकारी पाने के लिए दर्शक पर्यटन बोर्ड के स्टॉल पर उमड़ रहे हैं।
पर्यटन स्थलों और रिसॉर्ट्स की बढ़ी मांग
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस स्टॉल में राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों—चित्रकोट जलप्रपात, बस्तर, सिरपुर, मैनपाट, डोंगरगढ़, कवर्धा और रायगढ़ जैसे ऐतिहासिक व प्राकृतिक स्थलों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। लोग छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अंतर्गत संचालित रिसॉर्ट्स, होमस्टे और इको-जोन की जानकारी लेकर वहीं पर बुकिंग भी कर रहे हैं। पर्यटन मंडल की ओर से पर्यावरण अनुकूल पर्यटन, ग्रामीण इको-टूरिज्म और हेरिटेज प्रोजेक्ट्स की जानकारी देने के लिए भी विशेष काउंटर बनाए गए हैं।
(Chhattisgarh Tourism) संस्कृति और कला की झलक
विभाग के स्टॉल में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कलाओं को बेहद आकर्षक तरीके से सजाया गया है। यहां पारंपरिक छत्तीसगढ़ी आभूषण, मंदिरों की कलात्मक झलकियाँ, और स्थानीय लोककला पर आधारित प्रदर्शनी दर्शकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रही है। लोक संगीत की मधुर ध्वनियों और पारंपरिक सजावट के बीच आगंतुकों को राज्य की असली “माटी की खुशबू” का अनुभव हो रहा है।
राज्य की पहचान बन रहा पर्यटन
राज्योत्सव में पहुंच रहे पर्यटकों (Chhattisgarh Tourism) ने कहा कि छत्तीसगढ़ का पर्यटन अब देश और विदेश के नक्शे पर अपनी पहचान बना रहा है। प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक स्थलों के साथ अब एडवेंचर टूरिज्म, वाइल्डलाइफ सफारी और इको-ट्रैवलिंग भी लोगों की पहली पसंद बन रही है। पर्यटन विभाग के इस शानदार प्रदर्शन ने न केवल दर्शकों को आकर्षित किया है, बल्कि राज्य की टूरिज्म संभावनाओं को नई उड़ान भी दी है।
संस्कृति के रंगों से सराबोर हुआ नवा रायपुर
राज्योत्सव स्थल पर हर शाम हजारों की भीड़ जुट रही है। लोग न केवल पर्यटन विभाग का स्टॉल देख रहे हैं, बल्कि स्थानीय कला, हस्तशिल्प, छत्तीसगढ़ी व्यंजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद भी ले रहे हैं। इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर साबित किया है कि छत्तीसगढ़ सिर्फ उद्योग और खनिजों का नहीं, बल्कि संस्कृति और पर्यटन का भी प्रदेश है।
