सीजी भास्कर, 26 नवंबर। प्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नई सूची को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। (Congress District Presidents) पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ दो दौर की चर्चा के बावजूद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
इसी बीच प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को रायपुर पहुंच रहे हैं। आधिकारिक रूप से उनका दौरा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR Review) से जुड़ा माना जा रहा है, लेकिन संगठन में चर्चा तेज है कि उनके साथ नई जिलाध्यक्षों की सूची भी आ सकती है।
सूत्रों के अनुसार रायपुर और बिलासपुर संभाग के कुछ जिलों में दावेदारों के नाम वरिष्ठ नेताओं की पसंद के टकराव के कारण अटके हुए हैं। दिल्ली में हुई एसआइआर समीक्षा बैठक में प्रदेश की रिपोर्ट कमजोर बताई गई है। कई जिलों में पदाधिकारियों की उदासीनता भी सामने आई है।
मतदाता सूची से कांग्रेस समर्थकों के नाम हटने की आशंका को देखते हुए पार्टी ने विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्षदों और पंचों तक को बीएलओ से त्वरित जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि जिला अध्यक्षों की नई सूची एसआइआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही जारी होगी, ताकि संगठनात्मक काम प्रभावित न हो।
राज्य में कांग्रेस के 27 जिलाध्यक्ष बदले जाना लगभग तय माना जा रहा है। मार्च में बालोद, दुर्ग ग्रामीण, नारायणपुर, कोंडागांव, कोरबा शहर ग्रामीण, बलौदाबाजार, सारंगढ़–बिलाईगढ़, सरगुजा, बलरामपुर और बेमेतरा में अध्यक्षों की नियुक्ति हुई थी।
निकाय चुनाव से पहले मुंगेली, बस्तर ग्रामीण और रायगढ़ ग्रामीण में भी नए अध्यक्ष बनाए गए थे। इन जिलों में भी केंद्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षक भेजे थे, जिन्होंने दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और पत्रकारों से फीडबैक के आधार पर छह-छह नामों का पैनल तैयार कर एआईसीसी को भेजा है।
Congress District Presidents 17 अक्टूबर तक चला था अभियान
9 से 17 अक्टूबर तक प्रदेश में संगठन सृजन अभियान चला था। एआईसीसी ने 17 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था, जिन्होंने सभी जिलों में जाकर दावेदारों से मुलाकात की, फीडबैक लिया और रिपोर्ट एआईसीसी को सौंपी। खास बात यह रही कि जिलाध्यक्षों के चयन में पीसीसी के वरिष्ठ नेताओं को दूर रखा गया था, ताकि निष्पक्ष पैनल तैयार किया जा सके।
