सीजी भास्कर, 22 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) ने चुनाव में कथित वोट चोरी को लेकर बड़ा मोर्चा खोल दिया है। “वोट चोर गद्दी छोड़” नारे के साथ 15 अक्टूबर तक राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (Congress Signature Campaign) के निर्देश पर पीसीसी ने आदेश जारी किया है कि हर गांव और ब्लॉक तक अभियान को पहुंचाया जाए।
इस अभियान के लिए फार्म का प्रारूप भी भेजा गया है। कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से फार्म भरवाएंगे और हस्ताक्षर कराएंगे। ये हस्ताक्षरित फार्म निर्वाचन आयोग और राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे। देशभर में पांच करोड़ फार्म भरवाने का लक्ष्य रखा गया है। कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि यह हस्ताक्षर अभियान (Congress Signature Campaign) जनता की आवाज को मजबूत करेगा और लोकतंत्र की रक्षा का काम करेगा।
15 सितंबर को प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने बिलासपुर से शुरू हुई तीन दिवसीय पदयात्रा के दौरान इस अभियान की शुरुआत की थी। आदेश में साफ किया गया है कि प्रदेश के सभी जिला, ब्लॉक और मंडल स्तर के पदाधिकारी अपने क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाएं। इसमें स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों, पेशेवरों और आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस पहल को जनता का आंदोलन (Congress Signature Campaign) बताते हुए जोर दिया गया कि दोषियों पर कार्रवाई और निष्पक्ष चुनाव की मांग की जाएगी।
अभियान का उद्देश्य
हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य वोट चोरी के दोषियों को सख्त संदेश देना है। कांग्रेस का कहना है कि निष्पक्ष चुनाव कराना और लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखना हर पार्टी की जिम्मेदारी है। इस पहल के जरिए कांग्रेस लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने (Congress Signature Campaign) की अपील कर रही है।
ये कार्यक्रम करने के दिए गए हैं निर्देश
घर-घर जाकर और सार्वजनिक जनसंपर्क अभियान चलाएं।
नुक्कड़ सभाएं और बैठकें आयोजित की जाएं।
प्रत्येक ब्लॉक के बड़े बाजारों में रैली और नुक्कड़ सभा कराई जाए।
सभाओं और रैलियों के माध्यम से हस्ताक्षर अभियान (Congress Signature Campaign) का प्रचार-प्रसार हो।
प्रत्येक बूथ पर कम से कम 100 से 200 हस्ताक्षर कराए जाएं।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ चुनावी रणनीति नहीं बल्कि जनता का भरोसा जीतने का प्रयास है। कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने में जुटेंगे। इससे जनता को विश्वास मिलेगा कि उनकी आवाज सीधे राष्ट्रपति और निर्वाचन आयोग तक पहुंचेगी।